पानी मे बहते शवों को ठिकाने लगाने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी, पोस्टमार्टम की तैयारी

बक्सर सोमवार क. दैनिक जागरण में दाह संस्कार करने में असमर्थ स्वजनों ने गंगा में बहाये अपनो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:59 PM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 09:59 PM (IST)
पानी मे बहते शवों को ठिकाने लगाने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी, पोस्टमार्टम की तैयारी
पानी मे बहते शवों को ठिकाने लगाने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी, पोस्टमार्टम की तैयारी

बक्सर : सोमवार क. दैनिक जागरण में दाह संस्कार करने में असमर्थ स्वजनों ने गंगा में बहाये अपनों क. शव शीर्षक से खबर छपने क. बाद प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। सोमवार की सुबह अनुमंडल पदाधिकारी केके उपाध्याय के नेतृत्व में प्रशासन टीम चौसा के महादेवा श्मशान घाट पहुंची। इस दौरान गंगा तट पर लगे दो दर्जन से ज्यादा शव निकाले गए और उन्हें दफन करने के लिए पोकलेन से पांच बड़े-बड़े पांच गढ्ढ़े खुदवाए गए। इसी बीच वरीय अधिकारियों क. तरफ से यह निर्देश आया क. सभी शवों क. पोस्टमार्टम कराया जाएगा। जिसके बाद गंगा बाकी बचे शवों के दफनाने के क्रम में रोक दिया गया।

उधर, जिलाधिकारी अमन समीर ने एसपी नीरज कुमार सिंह और एसडीएम केके उपाध्याय के साथ संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि जो भी शव बरामद हुए हैं, वह केवल बिहार के नहीं हैं, बल्कि उनमें से यूपी के क्षेत्र से बहकर आए हैं। उन्होंने पैसे के अभाव में भी शव के फेंके जाने की बात से इंकार किया। डीएम ने बताया कि आगे ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो इसके लिए नियमित रूप से रिवर पेट्रोलिग के साथ-साथ वर्तमान में जो शव मिले हैं उनका पोस्टमार्टम कराते हुए सम्मान जनक रूप से अंतिम संस्कार कराया जाएगा।

इसके पूर्व शवों के बहाने की सूचना पर पहुंचे सदर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय ने कहा अब किसी को शव के जल प्रवाह नही करने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कुछ शव उत्तर प्रदेश सीमा से बहकर यहां आ जा रहे है। जबकि, श्मशान घाट पर दाह-संस्कार कराने वाले डोम राजा का कहना है कि अधिकांशत कई ग्रामीण क्षेत्र से दाह संस्कार को शव लेकर आने वाले लोग जबरदस्ती जल प्रवाह कर देते हैं। वहीं, किनारे ही पानी में फेंक चले जाते हैं।

महादेवा घाट पहुंचे एसडीएम ने यूपी के अधिकारियों से दूरभाष पर बात की तथा बाद में यूपी के बारा व गहमर पहुंचे। जहां अधिकारियों से वार्ता कर पानी मे बहते शवों को निकलवाया, व जल प्रवाह करने पर रोक लगाने को कहा गया। हालांकि, यूपी की सीमा में केवल दो शव ही मिले।

वहीं, दूसरी महादेवा घाट तथा आस-पास सुबह से लेकर शाम तक अंचलाधिकारी नवलकान्त तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी अशोक कुमार के द्वारा घाट के पास पानी मे बहते कई शवों को निकलवा गढ्ढे में डलवावाने की तैयारी कर रहे थे इसी बीच यह सूचना मिली कि शवों का पोस्टमार्टम कराया जाना है जिसके बाद गंगा से शवों को निकालना बंद कर अधिकारी वरीय अधिकारियों से मार्गदर्शन ले रहे हैं।

इलाज में खर्च हुए सारे रुपये, अब दाह-संस्कार के पैसे नहीं

सोमवार को चौसा श्मशान घाट का निरीक्षण को पहुंचे सदर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय के सामने ही राजपुर प्रखंड के किसी गांव से जल-प्रवाह के लिए एक शव को लेकर कुछ लोग श्मशान घाट पहुंचे। लोगों द्वारा चिता में खर्च होने वाले राशि न होने की असमर्थता बताई। इन लोगों ने बताया कि दवा में सारे रुपये खर्च हो गए हैं अब वह क्या करें। हालांकि, एसडीएम ने शव को बहाए जाने से रोका तथा उसे लकड़ी से ही जलवाया गया। सोमवार से चौसा श्मशान घाट पर सारी व्यवस्था दुरुस्त रही

एसडीएम के निर्देश पर चौसा श्मशान घाट पर सारी व्यवस्था दुरुस्त की गई। जहा दो चौकीदार, दो शिफ्ट में दो किसान सलाहकार के साथ साफ-सफाई की व्यवस्था भी तैयार कर ली गई लेकिन, अब भी चिता की राख व कपड़े पड़े हुए थे। अधिकारियों का कहना है कि वह जेनरेटर व लाइट की व्यवस्था को दुरुस्त कर रहे हैं। प्रशासन ने कहा, पोस्टमॉर्टम के बाद सम्मान के साथ होगा शव का अंतिम संस्कार

इस बाबत आयोजित प्रेस वार्ता में जिला पदाधिकारी अमन समीर ने कहा कि जो भी शव मिले हैं वह केवल बिहार के नहीं है बल्कि, उत्तर प्रदेश की तरफ से भी आए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की स्थिति आगे उत्पन्न ना हो इसके लिए रिवर पेट्रोलिग की जाएगी। वर्तमान में 20 की संख्या में शव बरामद किए गए हैं जिसका सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जाएगा हालांकि, मौके पर मौजूद एसपी ने कहा कि अंतिम संस्कार से पूर्व शव का पोस्टमार्टम भी कराया जाएगा। हालांकि, शाम तक पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई थी।

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