बक्सर में 1197 एमटी यूरिया की रैक पहुंची, नहीं होगी उर्वरक की किल्लत
बक्सर। थोड़ी बहुत बारिश की मदद मिलते ही जिले में तेजी से धान की रोपनी शुरू हो गई है। धान की रोपनी पूरी होते ही किसानों को यूरिया की जरूरत पड़ती है। इसको देखते हुए विभाग पहले से ही कमर कस कर तैयार हो गया है। इस बीच दो दिन पहले ही जिले में 1197 एमटी यूरिया की रैक मंगाने के साथ ही सभी प्रखंडों में जरूरत के अनुसार भेजने का काम शुरू कर दिया गया है।
बक्सर। थोड़ी बहुत बारिश की मदद मिलते ही जिले में तेजी से धान की रोपनी शुरू हो गई है। धान की रोपनी पूरी होते ही किसानों को यूरिया की जरूरत पड़ती है। इसको देखते हुए विभाग पहले से ही कमर कस कर तैयार हो गया है। इस बीच दो दिन पहले ही जिले में 1197 एमटी यूरिया की रैक मंगाने के साथ ही सभी प्रखंडों में जरूरत के अनुसार भेजने का काम शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही विभाग की निगाह यूरिया की कालाबाजारी पर लगी है, जिससे कोई भी विक्रेता किसानों से एक रुपया भी अधिक नहीं ले सके।
इस संबंध में जानकारी देते इफ्फको के क्षेत्रीय प्रबंधक अभय मिश्रा ने बताया कि जिले में 1197 एमटी यूरिया की रैक मंगाने के साथ ही जिला कृषि विभाग के निर्देशानुसार सभी प्रखंडों की आवश्यकता के अनुसार आपूर्ति भेजी जा रही है। इस रैक में 26660 बोरी यूरिया मौजूद है। फिलहाल, अभी धान की रोपनी चल रही है इसलिए उतनी अधिक आवश्यकता नहीं है। बावजूद इसके किसानों की उनकी जरूरत के अनुसार यूरिया की आपूर्ति करने के लिए इफ्फको से लेकर जिला कृषि विभाग पूरी तरह तत्पर है। उन्होंने बताया कि इस रैक से जिले के सभी बिक्री केंद्रों को उनका स्टाक और क्षेत्र में उर्वरक की मांग को देखते हुए भेजा जा रहा है। रैक की खपत होने के पहले ही दूसरी रैक आकर तैयार रहेगी, जिससे किसानों को इसकी कमी का सामना नहीं करना पड़े। सरकार के गाइडलाइन के अनुसार सभी बिक्री केंद्रों को इस बात का सख्त निर्देश दिया गया है कि यूरिया की तय कीमत 266.50 से एक रुपया भी अधिक लेकर कोई किसानों को नहीं बेचेगा। विभाग द्वारा यूरिया की कालाबाजारी रोकने के लिए जिले से बाहर के अधिकारियों की टीम तैयार की गई है, जो कही भी और कभी भी कालाबाजारी की जांच के लिए पहुंच सकती है।