राजपुर में खुले 11 क्रय केंद्र, अधिप्राप्ति की बोहनी अभी कहीं नहीं
बक्सर प्रखंड के कुल 19 पंचायतों में किसानों के उत्पादित अनाज की बिक्री के लिए अब तक लगभग 11 क्रय केंद्र खोले गए हैं। जिसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपए की लागत से धान स्टोर करने की क्षमता के लिए गोदाम का भी निर्माण कराया है।
बक्सर : प्रखंड के कुल 19 पंचायतों में किसानों के उत्पादित अनाज की बिक्री के लिए अब तक लगभग 11 क्रय केंद्र खोले गए हैं। जिसके लिए सरकार ने करोड़ों रुपए की लागत से धान स्टोर करने की क्षमता के लिए गोदाम का भी निर्माण कराया है। फिलहाल, यह गोदाम वीरान पड़े हुए हैं। पैक्स इकाइयों के माध्यम से एक भी किसानों का धान नहीं खरीदा गया है।
राजपुर में 19 पंचायत हैं, लेकिन आठ पैक्स इकाइयों को डिफाल्टर होने से प्रतिबंधित किया गया है। यहां के किसानों के लिए और काफी मुश्किल भरा काम है। इन पंचायतों में मंगराव, बारुपुर, हेठुआ, बन्नी सहित कई अन्य पंचायत हैं। विगत वर्ष की तुलना करें तो सरकार ने 22448 मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा था। इस बार कुछ पता ही नही चल रहा है। धान की खरीदारी नहीं होने से किसानों की बेचैनी बढ़ गई है। हार्वेस्टर से काटकर दरवाजे और खलिहान में रखा गया धान प्रतिदिन खराब हो रहा है। कुछ किसान स्थानीय साहूकारों के हाथ औने पौने दाम पर बेच रहे हैं। इस बार अच्छी पैदावार होने पर भी स्थानीय साहूकार इसकी कीमत 1000 से 1100 प्रति क्विटल तय कर रहे हैं। ऐसे में किसानों का लागत खर्च मिलना भी मुश्किल हो गया है। अधिकतर किसानों ने बटाई पर खेत लिया है। जिसकी कीमत 16000 रुपये प्रति बीघा भुगतान कर दिया गया है। खेती बारी करने में प्रति बीघा बीस से पच्चीस हजार का खर्च हुआ है। ऐसे में किसान कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। धान अधिप्राप्ति से संबंधित जानकारी के लिए प्रखण्ड सहकारिता पदाधिकारी बृजबिहारी राम को कौल किया गया तो फोन की घंटी बजी, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। कहते हैं किसान .कभी भी धान क्रय केंद्र समय पर नहीं खुलता है। धान की कटनी हो जाने के बाद किसान महीनों तक खलिहान में धान को रखकर रखवाली करते हैं। ऐसे में प्रत्येक वर्ष सैकड़ों क्विटल धान कम दाम पर बेचना पड़ता है।
मनोज त्रिगुण, राजपुर
. धान की बिक्री के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया की गई है ।इसके लिए ऑनलाइन विगत एक माह पहले ही करा दिया गया है।लेकिन धान की खरीद करने वाला कोई नहीं है।
सुरेंद्र सिंह , राजपुर . धान कटनी के बाद मजदूरों को मजदूरी देने और अन्य आवश्यक काम के लिए फिलहाल राशि की आवश्यकता है। जिसे धान बेचने के बाद ही पूरा किया जा सकता है। धान की बिक्री नहीं होने से मजदूरी और खाद का भुगतान नहीं किया जा सका है।
विमल राय , मँगराव कहते हैं व्यापार मंडल अध्यक्ष
जिलाधिकारी से निर्देश मिलने के बाद क्रय केंद्र खोल दिया गया है। जिसका रेट भी तय कर दिया गया है। अभी तक किसानों को भुगतान करने के लिए वित्तीय सहायता राशि प्राप्त नहीं हुई है। इसके वजह से धान की खरीद का काम प्रभावित है। सहायता राशि प्राप्त होते ही लक्ष्य के अनुरूप धान की खरीद की जाएगी।
देवेंद्र शुक्ला, व्यापार मंडल अध्यक्ष, राजपुर।