विशेश्वर ओझा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों को नहीं मिली राहत

भोजपुर : भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से आर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 08:48 PM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 08:48 PM (IST)
विशेश्वर ओझा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों को नहीं मिली राहत
विशेश्वर ओझा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों को नहीं मिली राहत

भोजपुर : भाजपा के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के जमानत पर रोक संबंधी आदेश को बरकरार रखा है। इसकी जानकारी स्व. ओझा के छोटे भाई भुअर ओझा ने बुधवार को दी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश पर मुहर लगा दी है। इस केस के नामजद अभियुक्त हरेंद्र ¨सह उर्फ बुवा ¨सह, पप्पू ¨सह, बसंत मिश्र, उमाकांत मिश्र, टुन्नी मिश्र को हाई कोर्ट पटना से जमानत मिली थी। जमानत रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लिव पीटीशन दायर किया गया था। जिस पर  सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च 2018 को हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट में जमानत रद्द करने पर फाइनल बहस 14 ¨सतबर 2018 को हुई थी। केस कर्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वकील अखिलेश कुमार पांडेय ने बहस की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के आदेश को बरकरार रखते हुए ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि ट्रायल पूरा होने तक जेल में बंद अभियुक्त जेल में हीं रहेंगे। स्वर्गीय विशेश्वर ओझा के भाई भुअर ओझा ने बताया कि एक लड़ाई में जीत हासिल हुई है। दूसरी लड़ाई में कड़ी से कड़ी सजा दिलवाना है। आपको बताते चलें कि इस कांड में हरेश मिश्रा एवं उमाकांत मिश्रा समेत पांच नामजद आरोपी जेल में बंद है। पप्पू ¨सह जमानत पर है। ब्रजेश मिश्रा की गिरफ्तारी नहीं हुई है। सनद हो कि 12 फरवरी 2016 को सोनवर्षा में भाजपा नेता की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। सात पर नामजद केस हुआ था।

chat bot
आपका साथी