भोजपुर जिले में संक्रमण रोकने के लिए घर-दलान को रस्सी से घेरा
तरारी प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर अवस्थित है मोआप कला पंचायत का विसम्भरपुर गांव।
आरा। तरारी प्रखंड मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर अवस्थित है मोआप कला पंचायत का विसम्भरपुर गांव। कोरोना वायरस की दूसरी लहर जहां शहर से लेकर गांव तक के लोगों को अपने आगोश में ले रखा है, वहीं विशम्भरपुर गांव में अभी तक कोरोना की इंट्री नहीं हो सकी है। ग्रामीणों ने अपनी सुझबुझ व सजगता से अपने गांव में कोरोना की इंट्री नहीं होने दी है। ग्रामीणों ने आपसी तालमेल एवं तत्परता से कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए अपने गांव में कोरोना के प्रवेश को रोक रखा है। बेवजह गांव से बाहर आने जाने पर पांबदी लगा रखी है। करीब 140 घर वाले इस गांव की आबादी दो हजार के आसपास है।
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50 फीसद से अधिक लोगों ने लिया टीका का दोनों डोज
विसम्भरपुर गांव के 45 से ऊपर के आयु के लोगों ने अपने परिवार के प्रति कर्तव्य का निर्वह्न करते हुए जांच के साथ-साथ टीकाकरण भी कराया गया है। ग्रामीणों की मानें तो करीब 50 फीसद से अधिक लोगों द्वारा टीका का दोनों डोज भी ले लिया गया ह्रै। वर्तमान समय में 18 से ऊपर के युवा वर्ग भी टीका के लिए तत्पर व उत्सुक हैं। लेकिन, सरकारी उदासीनता के कारण विसम्भरपुर के लोगों तक जांच व टीका उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। गांवो में आयुर्वेद का काफी प्रचलन भी बढ़ा है। आयुर्वेद के प्रति लोगों की आस्था व झुकाव कोरोना काल में लोगों के लिए काफी सहायक सिद्ध हो रहा है। लोग नींबू व संतरा के साथ साथ काढ़ा का प्रतिदिन सेवन कर रहे हैं। गांव की परंपरा भी कोरोना काल में बदली है।
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जहां पहले लगते थे चौपाल, वहां अब देखी जा रही शारीरिक दूरियां
जहां, पहले गांवों में लोग चौपालों में काफी संख्या में बैठा करते थे। खेतों में भी एकत्रित हो काम किया करते थे। कोरोना काल की दिनचर्या में काफी परिर्वतन हुआ है। साथ ही साथ बजार व भीड़-भाड़ से भी बच रहे हैं। बाजार, बैंक आदि से लौटने के बाद गुनगुनें पानी से नहाने की भी प्रचलन काफी बढ़ा है। साथ ही साथ साबुन से बार-बार हाथ धोना, सैनिटाइजर का उपयोग के साथ गांव के घर व दलानों में भी रस्सी से घेराबंदी कर सील कर दिया है। जिससे की शारीरिक दूरी बनी रही। बाहरी प्रवेश नहीं हो सके। मास्क का उपयोग अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया है। पैक्स अध्यक्ष अजीत उपाध्याय व वार्ड सदस्य मुन्ना कुमार अपने गांव के प्रत्येक लोगों पर निगरानी रखते हुए जागरूक करने में लगे हैं। साथ ही लोगों में मास्क, सैनिटाइजर का भी वितरण करते हुए साफ-सफाई में भी तत्पर व सजग दिख रहे हैं।
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पंचायत में है एक स्वास्थ्य उपकेन्द्र, पर वह भी सिर्फ नाम का
विसम्भरपुर के लोगों ने प्रखंड के पदाधिकारियों के प्रति काफी आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि इस कोरोना काल में भी स्थानीय पदाधिकारियों ने हमारी सुध लेना मुनासिब नहीं समझा। ग्रामीणों के अनुसार विसम्भरपुर के लोगों को साधारण बीमारी में भी प्रखंड मुख्यालय 15 किलोमीटर या अनुमंडल मुख्यालय लगभग 20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। मोआप पंचायत में एक उप स्वास्थ्य केन्द्र है, जो भी कभी-कभार ही खुलता है।