एनआरसी लागू करने के खिलाफ निकाला मार्च
मानवाधिकार दिवस को भाकपा-माले ने प्रतिरोध दिवस के रूप में मनाया। नागरिकता संशोधन बिल और राष्ट्रव्यापी एनआरसी लागू करने के खिलाफ व विश्वविद्यालयों में छात्रों व अध्यापकों के उपर हो रहे हमलों के खिलाफ एक मार्च निकाला गया।
आरा। मानवाधिकार दिवस को भाकपा-माले ने प्रतिरोध दिवस के रूप में मनाया। नागरिकता संशोधन बिल और राष्ट्रव्यापी एनआरसी लागू करने के खिलाफ व विश्वविद्यालयों में छात्रों व अध्यापकों के उपर हो रहे हमलों के खिलाफ एक मार्च निकाला गया। यह बस स्टैंड, शिवगंज, बड़ी मठिया, करमन टोला, नवादा थाना, हेड पोस्ट ऑफिस रोड होते हुए आरा रेलवे स्टेशन पहुंच कर सभा मे तब्दील हो गया। इस मार्च का नेतृत्व भाकपा माले राज्य कमिटी सदस्य क्यामुद्दीन अंसारी व ऐपवा नेत्री इन्दू सिंह ने किया। सभा को संबोधित करते हुए क्यामुद्दीन अंसारी ने कहा कि कल मोदी सरकार भारतीय संसद मे साम्प्रदायिक नागरिकता संशोधन बिल पेश कर आरएसएस के हिन्दू राष्ट्र के एजेंडा को पिछले दरवाजे से लागू कर रही है। ऐपवा नेत्री ईन्दू सिंह ने कहा कि आज भाजपा नफरत फैला कर देश को झांसा देने में लगी है। विश्वविद्यालयों में छात्रों और शिक्षकों के आंदोलन पर हमला करने मे लगी है, जिसे ढकने की कोशिश मात्र है। छात्र नेता शब्बीर कुमार ने सरकार की नई शिक्षा नीति वापस लेने की मांग की तथा जेएनयू में चल रहे छात्र आंदोलन का पुरजोर समर्थन किया। इस मौके पर विष्णु ठाकुर, गोपाल प्रसाद, रंजन कुमार, नंद जी, सुरेश राम, ऐक्टू नेता बालमुकुंद, चौधरी इंसाफ मंच के नेता अजय राम, सत्यदेव कुमार, कैमुद्दीन अंसारी, नसीम अंसारी आदि मौजूद थे।