थमती सांसों को बचाने में मददगार बने अभाविप के सदस्य

बढ़ते कोरोना संक्रमण में जहां एक ओर सरकारी सिस्टम फेल नजर आ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 11:02 PM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 11:02 PM (IST)
थमती सांसों को बचाने में मददगार बने अभाविप के सदस्य
थमती सांसों को बचाने में मददगार बने अभाविप के सदस्य

आरा। बढ़ते कोरोना संक्रमण में जहां एक ओर सरकारी सिस्टम फेल नजर आ रहा है। महामारी के डर से स्वजन भी दूरी बना रहे हैं, वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के प्रदेश सहमंत्री अमित कुमार सिंह और अनूप कुमार सिंह थमती सांसों को जोड़ने का बीड़ा उठा लिया है। हाई रिस्क वाले जोन में खतरे को परवाह किए बिना दिन-रात सेवा में लगे हैं। कोरोना संक्रमितों की इलाज में मदद करने में जुटे हैं। उनकी टूट रहीं सांसों को बचाने के लिए प्राण आयु से मदद करने मे सहायक साबित हो रहे हैं। इन कार्यकर्ताओं के कारण मरीज के परिजनों को जान बचाने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता है। उन्हें हर जरूरी मदद ऑक्सीजन से लेकर दवा तक मुहैया कराते हैं। अभाविप के छह कार्यकर्ता कोविड रोगियों की सेवा में लगे हैं। इसमें तीन कार्यकर्ता सदैव सदर अस्पताल के आपतकाल कार्यालय के पास तत्पर मिलेंगे। जिन रोगियों के पास अपने नहीं हैं, उनको स्ट्रेचर पर अस्पताल में ले जाते हैं। अगर स्ट्रेचर नहीं मिलता तो वे अपनी पीठ पर लादकर रोगी को वार्ड के अंदर बेड तक पहुंचाते हैं। उन्हें न सिर्फ बेड देते हैं बल्कि बेहतर उपचार के लिए चिकित्सक को भी रोगी तक अविलंब आग्रह करते हैं। अनूप कुमार कहते हैं कि सरकार ने कोरोना संक्रमितों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनकी मदद करें। अमित कुमार सिंह ने बताया कि संक्रमित रोगियों के लिए छह सदस्यीय टीम काम कर रही है। तीन सदस्य आनलाइन मदद मांगे जाने पर घर पर दवा, कोविड-19 की किट से जांच करने में मदद, होमआइसेलेशन में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं।

------------

बस एक कॉल पर पहुंच जाती है दवा

बस एक काल कीजिए, कुछ ही मिनटों में आपके पास जरूरी दवा से लेकर आवश्कयक मेडिकल सामग्री पहुंचा दी जाती है। अभाविप के प्रदेश सहमंत्री अमित कुमार सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर हेल्पलाइन नंबर 767674355, 7277254063 ,7488772553 जारी किया गया है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण कई लोग संक्रमित होने के कारण घर से निकल नहीं रहे हैं। उन्हें मदद की दरकार होती है। मदद का दायरा आरा शहर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र भी होता है। मदद के लिए यूके के डॉ. सन्याल शर्मा ने अनूप कुमार सिंह से संपर्क साधा और चंदवा के पास सरोज लाल को मदद करने की गुहार लगाई। बीबीगंज से नेहा देवी ने दवा की मांग की, जिसे पहुंचाया गया। इसके अलावा जमीरा, अनाईठ, गोढ़ना रोड, कतीरा, पकड़ी चौक से मदद की मांग की जाती है। जिसे कार्यकर्ता अविलंब पूरा करते हैं। जरूरतमदों को रक्त का भी इंतजाम करते हैं।

chat bot
आपका साथी