भोजपुर में 332 दिन बाद खुला महाराजा विधि महाविद्यालय

भोजपुर जिले से पढ़ाई की इच्छा रखने वालों के लिए शुक्रवार खुशी का दिन था।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:38 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:38 PM (IST)
भोजपुर में 332 दिन बाद खुला महाराजा विधि महाविद्यालय
भोजपुर में 332 दिन बाद खुला महाराजा विधि महाविद्यालय

आरा : भोजपुर जिले से पढ़ाई की इच्छा रखने वालों के लिए शुक्रवार खुशी का दिन था। 332 दिनों से बंद महाराजा विधि महाविद्यालय का दरवाजे को खोला गया। इससे शिक्षक व कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी और आंखों में विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति कृतज्ञता के आंसू झलक रहे थे। मानो सभी को अब से अपने करियर को शुरुआत करने का दोबारा मौका मिला हो। महाराजा विधि महाविद्यालय के पूर्णकालिक शिक्षक डा. कमालुद्दीन खां ने विश्वविद्यालय कार्यालय में कुलसचिव डा. धीरेंद्र कुमार सिंह से प्रभारी प्राचार्य का पदभार ग्रहण किया। इसके अलावा बतौर शिक्षक विपिन बिहारी मिश्रा, रमेश कुमार सिंह, कुमार ज्योति, राम प्रसाद राम और विनोद सिंह (सभी अंशकालिक शिक्षक) ने महाराजा विधि महाविद्यालय में आज की उपस्थिति की औपचारिकता पूरी की। कालेज के कर्मचारी नरेंद्र कुमार, संजय कुमार सिंह, अजीत कुमार, राजीव रंजन सिंह और समाहुत कुमार सिंह ने हाजिरी रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज की। इसके अलावा अन्य कर्मचारी जो कार्यालय से दैनिक श्रमिक के रूप में जुड़े थे, सभी मौके पर उपस्थित थे।

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बीसीए को भेजा गया भौतिक सत्यापन शुल्क

महाराजा विधि महाविद्यालय प्रशासन ने पहले दिन बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीए ) को भौतिक सत्यापन के लिए शुल्क की राशि को डीडी बनाकर भेजा। प्रभारी प्राचार्य डा. कमालुद्दीन खां ने बताया कि बीसीए से भौतिक सत्यापन करना पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार महाविद्यालय को जल्द मान्यता बहाल करने के लिए कानून सम्मत प्रक्रिया अपनायी जाएगी। उन्होंने भोजपुर जिले के समाजसेवियों और विवि प्रशासन के प्रति आभार जताया। जिन्होंने महाराजा विधि महाविद्यालय खोलने के लिए लगातार प्रयास किया। बताते चलें कि महाराजा कालेज में विधि की पढ़ाई वर्ष 1965 से हो रही थी। बाद में इसे महाराजा विधि महाविद्यालय के रूप में प्रोन्नत कर दिया गया। लेकिन तकनीक पहलुओं को लेकर गत 22 अक्टूबर 2020 को विवि प्रशासन ने इसको बंद कर दिया था। महाविद्यालय में नामांकित तीन सेमेस्टर के विद्यार्थियों को रोहतास विधि महाविद्यालय से परीक्षा देने के लिए विवश होना पड़ा था। इन विद्यार्थियों को अभी तक अगले सत्र में एडमिशन नहीं मिल पाया है।

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विदाई समारोह में बीलिस के विद्यार्थियों ने साझा की पुरानी यादें

जासं, आरा : वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का स्ववित्त पोषित संस्था पुस्तकालय व सूचना विभाग (बीलिस) के पहले सत्र 2019-20 के विद्यार्थियों के लिए विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इसका आयोजन बीलिस सत्र 2020-21 के छात्र छात्राओं ने किया था। इसको लेकर विवि के परिसर में काफी उत्साह व उमंग देखा गया। उपरोक्त दोनों सत्र के विद्यार्थियों ने पुरानी यादें साझा किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अध्य्क्ष डा. सिद्धेश्वर नारायण सिंह व पूर्व कुलपति प्रो. धर्मेंद्र कुमार तिवारी शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग के निदेशक प्रो डा. एसएस हसीन अहमद ने की। प्रो. सिद्धेस्वर नारायण सिंह ने कहा कि पुस्तकालय विज्ञान पढ़ने वाले छात्र छात्राएं कभी रोजगार के लिए भटकते नहीं हैं। पूर्व कुलपति प्रो डा. धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने कहा कि मुझे आप लोगों के बीच आकर बड़ा आनंद आ रहा है। विभाग के निदेशक प्रो. एसएस हसीन अहमद को सही तरीके से बीलिस के संचालन के लिए प्रशंसा की। मंच संचालन विकास कुमार मिश्र व कुमार प्रिस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से की गई। बाद में दीप जलाकर कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ किया गया। सभी छात्र छात्राओं को मेडल देकर सम्मानित किया गया।

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