भोजपुर जिले की 50 वीं वर्षगांठ पर जारी होगा प्रतीक चिह्न

जिले के लिए खुशी की बात है कि अब अपने जिले का भी एक प्रतीक चिह्न होगा। इसका लोगो (प्रतीक चिह्न) यहां के सरकारी फाइलों से लेकर विभागों के पत्राचार पर भी अंकित होगा। यह सौगात जिले की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर मिलेगी। सबसे अच्छी बात यह है कि आम जनता द्वारा डिजाइन किया गया प्रतीक चिह्न ही सरकारी रिकार्ड में जिले का प्रतीक चिह्न होगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 11:35 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 11:35 PM (IST)
भोजपुर जिले की 50 वीं वर्षगांठ पर जारी होगा प्रतीक चिह्न
भोजपुर जिले की 50 वीं वर्षगांठ पर जारी होगा प्रतीक चिह्न

भोजपुर । जिले के लिए खुशी की बात है कि अब अपने जिले का भी एक प्रतीक चिह्न होगा। इसका लोगो (प्रतीक चिह्न) यहां के सरकारी फाइलों से लेकर विभागों के पत्राचार पर भी अंकित होगा। यह सौगात जिले की स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने पर मिलेगी। सबसे अच्छी बात यह है कि आम जनता द्वारा डिजाइन किया गया प्रतीक चिह्न ही सरकारी रिकार्ड में जिले का प्रतीक चिह्न होगा। इसकी जानकारी भोजपुर जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दी।

उन्होंने बताया कि भोजपुर जिले की स्थापना 1972 में हुई थी। इसके पूर्व यह शाहाबाद जिला का हिस्सा था। हर साल 10 नवम्बर को स्थापना दिवस मनाया जाता है। इस बार दीपावली, छठ पूजा व पंचायत चुनाव के मद्देनजर मुख्य कार्यक्रम 20 से 25 दिसंबर के बीच संभावित है। इस बार 50 वां स्थापना दिवस वार्षिक दिवस के रूप में मनाया जाएगा। यह कार्यक्रम पूरे वर्ष चलता रहेगा। मुख्य कार्यक्रम वीर कुंवर स्टेडियम में आयोजित होगा। इसमें जिले के प्रभारी मंत्री समेत अन्य वरीय पदाधिकारी भाग लेंगे। उसी कार्यक्रम में जिले के प्रतीक चिह्न का लोकार्पण कराया जाएगा।

-----

30 नवंबर तक प्रतीक चिह्न आमंत्रित

प्रतीक चिह्न का डिजाइन आम लोगों से मांगा जाएगा। चयनित समिति बेहतर डिजाइन को चयनित करेगी। चयनित प्रतीक चिह्न को पुरस्कृत किया जाएगा। इच्छुक लोग सूचना एवं जनसंपर्क विभाग कार्यालय में अपना डिजाइन भेज सकते हैं। इसके लिए 30 नवंबर तक अंतिम तिथि निर्धारित है। कोई कठिनाई होने पर विभाग के वाट्सएप व मोबाइल नंबर 9852874570 पर संपर्क कर सकते हैं। इस कार्यक्रम को वे सरकारी स्तर तक ही समिति नहीं रखना चाहते हैं। सबकी सहभागिता जरूरी है, इसलिए अगर कोई संगठन जुड़ना चाहेगा तो उसका स्वागत रहेगा। वार्षिकोत्सव पर एक स्मारिका का विमोचन करने की भी योजना है। इसमें 50 साल पीछे भोजपुर क्या था और अब कितना परिवर्तन हुआ है। इसके बारे में संपूर्ण जानकारी रहेगी। इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रभारी डीपीआरओ पूजा कुमारी भी मौजूद थीं।

chat bot
आपका साथी