जून तक हर हाल में पूरा हो अस्पताल निर्माण कार्य

जिले के कोइलवर स्थित मानसिक आरोग्यशाला के लिए बन रहे 272 बेड के अस्पताल का निरीक्षण करने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत पूरे दल बल के साथ मंगलवार को कोईलवर पहुंचे।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 11:57 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 11:57 PM (IST)
जून तक हर हाल में पूरा हो अस्पताल निर्माण कार्य
जून तक हर हाल में पूरा हो अस्पताल निर्माण कार्य

आरा। जिले के कोइलवर स्थित मानसिक आरोग्यशाला के लिए बन रहे 272 बेड के अस्पताल का निरीक्षण करने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत पूरे दल बल के साथ मंगलवार को कोईलवर पहुंचे। उनके साथ निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं नवीनचंद्र प्रसाद, राज्य स्वास्थ्य समिति के निदेशक संजय कुमार और बिहार स्वास्थ्य सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड के निदेशक पीके झा के साथ पहुंचे थे। करीबन सवा 12 बजे मानसिक आरोग्यशाला पहुंची अधिकारियों की टीम ने पूरे अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने सबसे पहले इनडोर में भर्ती महिला औऱ पुरुष मरीजों का हाल जाना। इसके बाद अधिकारियों व डाक्टरों की टीम आउटडोर बिल्डिग में पहुंची, जहां उन्होंने मरीज पंजीकरण, दवा वितरण काउंटर, वेटिग हाल चिकित्सक कक्ष समेत अन्य चीजों की बारीकी से जांच की। साथ ही इलाज के लिए आये मरीजों के परिजनों से भी बात कर अस्पताल में मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। इसी दौरान पिछले आठ महीने से बंद दवा वितरण काउंटर के डिजिटाइजेशन और आज ही से शुरू हुए दवा वितरण का भी सूक्ष्म निरीक्षण किया। जांच के दौरान दवा की स्टाक पंजी और रिकार्ड को भी बारीकी से समझा। इस दौरान उपस्थित कर्मियों ने बिजली की आंखमिचौली समेत अन्य समस्याओं को अधिकारियों के समक्ष रखा। जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने तुरंत बिजली विभाग के स्थानीय अधिकारियों को तलब किया और बुलाकर जल्द ही इस समस्या के निराकरण का आदेश दिया। आधे घंटे तक निरीक्षण के बाद अस्पताल के लिए भवन निर्माण कर रही तमिलनाडु की कंपनी पीएसके इंजीनियरिग कंस्ट्रक्शन एंड कंपनी के कांफ्रेंस हाल में बंद दरवाजे के अंदर कंपनी और अधिकारियों के बीच तकरीबन एक घंटे तक भवन निर्माण से संबंधित बातचीत चली। इसके बाद अधिकारियों की टीम ने निर्माणाधीन भवनों का निरीक्षण किया जहां कंपनी को निर्माण कार्य से सम्बंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

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निर्माण कार्य की सुस्ती देख बिफरे अपर मुख्य सचिव

निर्माणाधीन भवनों के निरीक्षण के दौरान निर्माण कार्य की सुस्ती देख अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत बिफर पड़े। निर्माणस्थल पर मौजूद पीएसके के प्रोजेक्ट इंचार्ज को जमकर फटकार लगाते हुए उन्होंने भवन निर्माण को हर हाल में जून 2022 तक पूरा करने का आदेश दिया। इस दौरान भवन निर्माण की क्वालिटी में कोई भी कोताही न बरतने को कहा। साथ ही तीन शिफ्ट में काम करा जल्द से जल्द प्रोजेक्ट पूरा करने का आदेश दिया। मजदूरों की समस्या पर उन्होंने कहा कि बिहार में त्योहारों का सीजन शुरू हो रहा है। इसलिए अधिकांशत: मजदूर अपने घर दशहरा, दीवाली और छठ त्योहार मनाने जाएंगे। इस दौरान बाहरी मजदूरों को लगाकर प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी रखें। निर्माण कार्य में खामियों को देखते हुए उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर कंपनी ने जून 2022 में प्रोजेक्ट पूरा नही किया तो कंपनी पर कार्रवाई करते हुए प्रोजेक्ट को रद कर उनसे काम छीन लिया जाएगा। इस दौरान मानसिक अस्पताल के निदेशक एनपी सिंह, अधीक्षक केपी शर्मा, डा. जयेश रंजन, डा. पूर्णिमा रतन, डा. अमित कुमार, डा. पिटू, डा. राहुल राज, विनोद पांडेय, जयपाल मांझी समेत अन्य चिकित्सक व अधिकारी मौजूद रहे।

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आठ महीने से नहीं मिल रहा था मरीजों को दवा बिहार के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला में बीते आठ माह से दवा नहीं रहने से यहां आने वाले मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही थी। दो महीने पहले दवा आपूर्ति के लिए निविदा निकाली गई। जिसके बाद निविदा के माध्यम से चुनी गई एजेंसी ने अस्पताल में दवा उपलब्ध करा दी गई। बावजूद इसके सोमवार तक अस्पताल के दवा वितरण काउंटर से दवा का वितरण नहीं हो रही थी। लेकिन मंगलवार को जब अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे तो दवा वितरण काउंटर से मरीजों को दवा मिल रही थी। 13 प्रकार की दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जा रही थी।

---- अब डिजिटली रिकार्ड होगी दवा वितरण की व्यवस्था

मानसिक आरोग्यशाला स्थित दवा वितरण काउंटर को पूो तरीके से डिजिटल किया जा रहा है। जिसके बाद दवा वितरण की पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो जाएगी।

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पहले फेज में 123 करोड़ खर्च कर 272 बेड का बन रहा अस्पताल

राज्य का इकलौता मानसिक आरोग्यशाला 540 बेड का बनेगा। पहले फेज में 272 बेड का अस्पताल बन रहा है। इसके लिए 123 करोड़ खर्च किया जा रहा है। अस्पताल के पूरी तरह बन जाने के बाद एक ही कैंपस में नशा मुक्ति केंद्र, कैदी वार्ड, हास्पिटल ब्लाक, स्टाफ बिल्डिग, एकेडमिक भवन समेत 14 अलग-अलग ब्लाक होंगे। पहले फेज में बन रहे 272 बेड के अस्पताल में 20 बेड के अलग-अलग यूनिट होंगे।

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