हौसले से कोरोनो को हराया व धूमधाम से की बेटी की शादी

अगर आपके पास हौसला है तो आप खौफनाक मंजर को मात दे सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 11:27 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 11:27 PM (IST)
हौसले से कोरोनो को हराया व धूमधाम से की बेटी की शादी
हौसले से कोरोनो को हराया व धूमधाम से की बेटी की शादी

आरा : अगर आपके पास हौसला है, तो आप खौफनाक मंजर को मात दे सकते हैं। 11 दिनों तक कोरोना से जंग लड़कर जंगजू बने एसोसिएट प्रोफेसर संजय कुमार और उनका परिवार इसका मिसाल है। कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक साबित हो रही है। संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। होम आइसोलेशन में रहते हुए बड़ी संख्या में लोग कोरोना को शिकस्त देकर स्वस्थ हो रहे हैं। वीर कुंवर सिंह विवि के मनोविज्ञान के शिक्षक डॉ. संजय कुमार की डाक्टर बेटी प्राची शर्मा की शादी दो मई को सुनिश्चित थी। घर में शादी की तैयारी चरम पर थी। शादी की खरीदारी शगुन के साथ जारी थी। शादी में शरीक होने के लिए बड़ी बेटी शारदा अपने बेटे केशव (9) के साथ ससुराल से पिता के घर आ चुकी थी। इस बीच पड़ोस में रहने वाले बुजुर्ग दंपती कोरोना संक्रमित हो गए। इसमें एक बुजुर्ग गुजर भी गए। बेटी की शादी के ठीक 23 दिन पहले यानी 10 अप्रैल को डॉ. संजय कुमार और उनकी पत्नी नीलम कोरोना से संक्रमित हो गए। उन्हें होम आइसोलेशन में भेज दिया गया। इसके साथ उनके परिवार के सभी छह सदस्य इसके आगोश में आ गए। यहां तक कि जिसे दुल्हन बनना था वह भी संक्रमित हो गई। शादी टलने की संभावना प्रबल हो गई। उधर वर पक्ष को जब इसकी जानकारी मिली तो उसने भी भावी वधू को जल्द ठीक होने की कामना की। कयामत की इस बेला में भी डॉ. संजय कुमार का परिवार हौसला गिरने नहीं दिया। परिवार के मनोबल को कम नहीं होने दिया। चिकित्सक की सलाह पर पूरा परिवार कोरोना किट के साथ योग गुरु रामदेव की दवा ली। योग को नियमित किया। मात्र 15 दिनों में संतुलित आहार और सकारात्मक सोच से कोरोना को पटकनी दे दी। परिवार के सभी सदस्य 21 अप्रैल को निगेटिव हो गए। डॉ. संजय कुमार ने कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार बेटी की शादी की। उन्होंने बताया कि सकारात्मक सोच के साथ पूरे परिवार का हिम्मत बनाए रखा। जरूरी दवाएं के साथ दूध का सेवन किया। सुबह में टहलने से अधिक फायदा हुआ। कहा कि लोगों को संक्रमित होने के बाद घबराना नहीं चाहिए। मास्क का उपयोग जरूरी है। पॉजिटिव होने पर अपने मन से दवा न लें। डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें। तनाव को अपने मन पर हावी न होने दें।

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