भोजपुर में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी करने वाला पूर्व मुखिया पति गिरफ्तार

टाउन थाना पुलिस ने आंगनबाड़ी व समाहरणालय में चपरासी की नौकरी लगाने के नाम पर दो दर्जन से अधिक लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने के आरोप में वांछित करवासीन पंचायत के पूर्व मुखिया आशा रानी के पति गौरी शंकर शर्मा को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 11:38 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 11:38 PM (IST)
भोजपुर में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी करने वाला पूर्व मुखिया पति गिरफ्तार
भोजपुर में नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी करने वाला पूर्व मुखिया पति गिरफ्तार

आरा: टाउन थाना पुलिस ने आंगनबाड़ी व समाहरणालय में चपरासी की नौकरी लगाने के नाम पर दो दर्जन से अधिक लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने के आरोप में वांछित करवासीन पंचायत के पूर्व मुखिया आशा रानी के पति गौरी शंकर शर्मा को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पूर्व मुखिया पति की गिरफ्तारी अजीमाबाद थाना के ब्रह्मपुर गांव से हो सकी। पूर्व मुखिया पति साल 2018 और साल 2021 के दो कांडों में दागी रहा है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2014 को भोजपुर समाहरणालय में 80 आदेशपाल के पद पर नियुक्ति होने वाली थी। जिसको लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर गौरी शंकर शर्मा ने लोगों से लाखों रुपए की ठगी की थी। जिसे लेकर जगदीशपुर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर 10 के निवासी छोटेलाल राम के पुत्र बिहारी लाल राम ने साल 2018 में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

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दो साल पहले हुआ था पहला केस

ठगी के मामले में आवेदक बिहारी लाल राम द्वारा सबसे पहले जो प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी उसमें आरोप लगाया गया था कि गौरी शंकर शर्मा एवं उनकी पत्नी आशा रानी अपनी स्कार्पियो गाड़ी से 5 मई 2014 को घर जगदीशपुर में आए और कहने लगे कि उनका संपर्क जिलाधिकारी, भोजपुर से है। भोजपुर समाहरणालय में 80 आदेशपाल के पद पर नियुक्ति होने वाली है। चपरासी में बहाली करवा देंगे। इसके लिए आपलोग दो लाख का इंतजाम कीजिए। पीड़ित ने झांसे में आकर 15 जुलाई 2014 को आरोपी गौरी शंकर शर्मा के चारखम्भा गली स्तिथ उनके आवास पर चार लोगों को नौकरी के नाम पर रुपए दिए थे। लेकिन, बहाली में किसी भी लड़के व लड़की की नियुक्ति नहीं हो सकी थी। तब नियुक्ति रद होने का झांसा दिया गया था। इस घटना के बाद उन लोगों ने 29 जनवरी 2018 को एसपी और जिलाधिकारी को आवेदन दिया था। जिसके बाद नगर थाना में मामला दर्ज हो सका था।नगर थानाध्यक्ष शम्भू कुमार भगत ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही मुखिया पति गौरी शंकर शर्मा फरार चले रहे थे।

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अप्रैल महीने में भी हुआ था दूसरा के ठगी की शिकार निशा कुमारी द्वारा अप्रैल महीने में टाउन थाना में दिए गए आवेदन में कहा गया था कि 2016 में गौरीशंकर शर्मा उसके घर आए थे। तब उन्होंने कहा कि जिले के बड़े हाकिम से उनका संबंध है। उसकी आंगनबाड़ी में सुपरवाइजर के पद पर नौकरी लगा देंगे। उनके झांसे में आकर उसने गौरीशंकर शर्मा के घर जाकर ढाई लाख रुपये दिये थे। इसी तरह दक्षिणी एकौना निवासी प्रवीण कुमार ने तीन लाख, नवादा बेन के रमेश कुमार ने एक लाख, वीरेंद्र दूबे ने पुत्र की नौकरी के लिए दो लाख, अमरनाथ, सचिदानंद ओझा और अमन कुमार से डेढ़-डेढ़ लाख रुपये लिए थे। अमन कुमार को सदर अस्पताल में नौकरी लगाने का वादा किया गया था। तब गौरीशंकर शर्मा द्वारा जल्द नौकरी लगाये जाने की बात कही थी। लेकिन, अब ना तो नौकरी लगाई जा रही है ना ही पैसे दिये जा रहे हैं।

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