40 वर्षों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे भोजपुर को मिलेगी निजात
धार्मिक राजनैतिक एवं पौराणिक रूप से समृद्ध भोजपुर का वर्तमान समस्याओं की चादर में लिपटा हुआ है।
आरा। धार्मिक, राजनैतिक एवं पौराणिक रूप से समृद्ध भोजपुर का वर्तमान समस्याओं की चादर में लिपटा हुआ है। यहां के लोग पिछले 40 वर्षों से बाढ़ की त्रासदी झेल रहे हैं। हल्की बारिश में भी आरा शहर की नारकीय स्थिति, सड़क जाम एवं अतिक्रमण से सिमटती सड़कें समस्याओं की व्यथा सुनाती है। समस्याओं के निदान और आमजनों को स्वच्छ एवं सुंदर आरा की कल्पना को साकार करने के लिए दैनिक जागरण के संवाददाता युगेश्वर प्रसाद ने जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत का प्रमुख अंश।
सवाल: पिछले 40 वर्षों से बक्सर-कोईलवर गंगा तटबंध में गैप के कारण भोजपुर बाढ़ की त्रासदी झेलते आ रहा है। इस गैप को भरने का कार्य कब तक पूरा होगा?
जवाब: इस योजना पर काम चल रहा है। जिले के बड़हरा के समीप केशोपुर, शाहपुर के लक्षुटोला एवं लालू डेरा के अलावा बक्सर-कोईलवर गंगा तटबंध में गैप वाले पांच स्थलों पर सल्यूस गेट के निर्माण के लिए केंद्रीय जांच एवं मैटेरियल्स रिसर्च सेंटर रुड़की के इंजीनियरों का दल मिट्टी की भार क्षमता का जांच कर चुके हैं। रिपोर्ट आने के बाद निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। तटबंध में गैप को भरने के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई चल रही है।
सवाल: जल संकट आज की गंभीर समस्या बन गई है। सरकार जल संरक्षण के लिए मुहिम चला रही है। परंतु आरा शहर के बड़े बड़े तालाब को अतिक्रमण कर आलीशान इमारत और बाजार खड़े कर लिए गए हैं। क्या तालाब अतिक्रमण मुक्त होंगे?
जवाब: आरा शहर के प्रमुख प्रसिद्ध तालाबों को चिन्हित कर लिया गया है। तालाबों के सीमांकन का कार्य जल्द ही शुरू होगा, जहां अतिक्रमण है उसे हटाया जाएगा। यदि उस पर मकान, बाजार आदि का निर्माण हो गया है तो उसे तोड़वाया जाएगा। शहर में सरकारी एक दर्जन तालाबों को चिन्हित किया गया है। इसमें से दो तालाब को नगर निगम के माध्यम से सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
सवाल: शहर वासियों के लिए सड़क जाम मुसीबत बन गई है। इससे मुक्ति के लिए क्या योजना है?
जवाब: रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कार्य अब जल्द पूरा होने वाला है। इस पुल के चालू होने के बाद बहुत हद तक शहर में लगने वाली जाम से राहत मिल जाएगी। छह बाईपास के निर्माण के लिए प्राक्कलन बनाकर विभाग को भेज दिया गया है। इसके अलावा बामपाली से धनुपरा को जोड़ा जाएगा। शहर की सड़कों का चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। इसके लिए मंत्री राज कुमार सिंह से भी बात हुई है। शहर की सड़कों पर लगा अतिक्रमण हटाया जा रहा है। दूसरी ओर शहर के प्रमुख चौराहे, सड़क किनारे पर लगे बिजली के पोल खंभे को चिन्हित कर हटाने का आदेश विद्युत विभाग को जारी कर दिया गया है। बहुत से खंभे और पोल को हटा दिया गया है। शेष बचे पोल को जल्द हटा लिया जाएगा। इससे शहर में जाम की समस्या बहुत हद तक हल हो जाएगी। दूसरी और ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए शहर के प्रमुख भीड़-भाड़ वाले सड़कों पर टेंपो के परिचालन की संख्या घटाकर कलर मार्क किया जाएगा। नगर निगम के 12 फीट से ज्यादा चौड़ी सड़क को पथ निर्माण विभाग को ट्रांसफर करने की कार्रवाई चल रही है।
सवाल: स्वच्छ और सुंदर आरा की कल्पना को साकार करने के लिए क्या योजना तैयार की गई है?
जवाब: आरा को नगर निगम का दर्जा दे दिया गया। लेकिन संसाधन नहीं मिला, जब संसाधन नहीं है तो सुविधाएं भी नहीं मिल रही है। परंतु इसे मजबूत बनाने का कार्य शुरू हो गया है। शहर को जल जमाव और कीचड़ से निजात दिलाने के लिए प्रमुख बड़े-बड़े आउट फाल नालों का निर्माण कार्य की योजना तैयार कर शुरू कर दी गई है। साथ ही सड़क किनारे अवस्थित सभी कच्चे नालों का पक्का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। इसे फेजवाइज बनाया जा रहा है। शहर के सभी चौक-चौराहे एवं सड़क किनारे लाइट लगा दिया गया है, और लगाया जा रहा है। वीर कुंवर सिंह स्टेडियम, वीर कुंवर सिंह पार्क, रमना मैदान एवं कलेक्ट्रेट तालाब को आम लोगों के लिए मनोरंजन सुविधाओं से परिपूर्ण करने की कार्रवाई चल रही है। नगर निगम से दर्जनों छोटी-छोटी गाड़ियां कचड़े के उठाव के लिए गली-गली चलाया जा रही हैं, ताकि कचरे का ढ़ेर नहीं लगे। कचरे के निस्तारण के लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जा रहा है। इसके लिए जल संसाधन विभाग से एनओसी प्राप्त करने के लिए पत्र भेजा गया है।