घुड़सवार की प्रतिमा लगाए जाने पर विवाद ने तूल पकड़ा

शहर के सिविल सर्जन आवास मोड़ अवस्थित गोलंबर पर एक घुड़सवार की प्रतिमा लगाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Feb 2021 11:39 PM (IST) Updated:Wed, 10 Feb 2021 11:39 PM (IST)
घुड़सवार की प्रतिमा लगाए जाने 
पर विवाद ने तूल पकड़ा
घुड़सवार की प्रतिमा लगाए जाने पर विवाद ने तूल पकड़ा

आरा। शहर के सिविल सर्जन आवास मोड़ अवस्थित गोलंबर पर एक घुड़सवार की प्रतिमा लगाए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। पक्ष और विपक्ष दोनों दलों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। साथ ही आंदोलन करने की चेतावनी दी है। आपको बताते चलें कि वर्ष 1996 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने महान स्वतंत्रता सेनानी एवं बिहार सरकार के पूर्व मंत्री स्व. अंबिका शरण सिंह की स्मारक लगाने को लेकर शिलान्यास किया था। इस संबंध में जीतन राम मांझी के मुख्यमंत्रित्व काल के समय में मामला काफी हद तक आगे बढ़ते गया था। उन्होंने भवन निर्माण विभाग पटना से अद्यतन स्थिति की जानकारी मांगी थी। इस संबंध में भोजपुर जिला अधिकारी से जवाब भेजा भी गया था। गौरतलब हो कि सिविल सर्जन मोड़ के पास अश्वारोही सैन्य बल द्वारा घोड़सवार की प्रतिमा लगायी गई है। एमएमपी के सौ साल पूरे होने पर प्रतिमा का निर्माण कराया गया था।

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पूर्व मंत्री ने कहा, मूर्ति नहीं हटी तो होगा आंदोलन

पूर्व मंत्री सह बड़हरा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जिलाधिकारी कार्यालय में भी सारे कागजात उपलब्ध है। यदि, प्रशासन शीघ्र निर्णय नहीं लेगा तो जिला में बहुत बड़ा आंदोलन का रूप धारण करेगा। पूर्व मंत्री एवं बड़हरा के विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह के साथ जदयू के वरिष्ठ नेता व एमएलसी राधा राधा चरण सेठ एवं संदेश के पूर्व विधायक विजेंद्र प्रसाद यादव समेत कई गणमान्य लोगों ने इस मामले में अपनी आक्रोश व्यक्त किया है। जिला प्रशासन से अतिशीघ्र मूर्ति हटाने की मांग की है।

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राजद नेता ने भी जताया विरोध

राजद के प्रदेश महासचिव मनोज सिंह ने कहा अंबिका बाबू के मूर्ति लगाने वाले जगह पर घोड़सवार की मूर्ति लगना यह सरासर अपमान है। अंबिका बाबू बराबर शोषित ,पीड़ित, वंचित वर्ग का आवाज बनने का काम किया था। लालू प्रसाद की सोच थी की अंबिका बाबू किसी जाति बिरादरी के नेता नहीं है। उन्होंने यह जगह अपने सरकार में आवंटित करने का काम किया था। जिला प्रशासन तुरंत उस जगह को खाली करे नहीं तो इसके लिए आंदोलन होगा और जिला प्रशासन का घेराव किया जाएगा

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