भोजपुर में यूरिया की किल्लत से पीले पड़ने लगे धान के पौधे

जिले में यूरिया खाद की कमी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 11:01 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 11:01 PM (IST)
भोजपुर में यूरिया की किल्लत से 
पीले पड़ने लगे धान के पौधे
भोजपुर में यूरिया की किल्लत से पीले पड़ने लगे धान के पौधे

आरा : जिले में यूरिया खाद की कमी किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। खाद की किल्लत की कमी से किसान परेशान हैं। लहलहाती धान की फसलें अब पीले पड़ने लगे हैं। इसे देखकर किसानों के चेहरे का रंग उड़ने लगे हैं। बाजार में खुदरा विक्रेताओं के पास बमुश्किल से यूरिया उर्वरक उपलब्ध मिलता है। जबकि अगस्त का महीना धान रोपनी के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इस समय किसान सोहनी के बाद खेतों में यूरिया उर्वरक को देते हैं, ताकि पौधे की जड़ मजबूत हो जाये। लेकिन बाजार में खाद की कमी से उनकी योजना अधर में दिखने लगी है। खाद खरीदने के लिए आरा के मिल रोड आये सुरेश कुशवाहा ने बताया कि बाजार में यूरिया खाद नहीं है। आरा में किसी भी रिटेलर के पास यूरिया खाद उपलब्ध नहीं है। आखिर समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। आखिर भादो माह में खाद नहीं दिया गया तो धान का पौधा जोर नहीं लगाएगा। एक दूसरा किसान कृष्णा प्रसाद ने बताया कि किसानों का सुनने वाला कोई नहीं है। दुकानदार स्टाक नहीं रहने का बहाना बनाकर किसानों को लौटा दे रहे हैं। दूसरी ओर प्रखंडों में दुकानदार छिपकर ऊंची दाम पर खाद बेच रहे हैं। यूरिया खाद का सरकारी दर 266 रुपये सुनिश्चित है। दुकानदार संजय प्रसाद ने प्रसाद ने बताया कि अधिकारियों के दबाव के कारण रिटेलर यूरिया खाद नहीं रखना चाहता है। क्योंकि उसको खुले बाजार में बेचने में कम लाभ होता है। मुख्यालय के मिल रोड, नवादा में उर्वरक के आधे दर्जन खाद की दुकाने हैं। इसमें अधिकांश स्टाकिस्ट हैं। उनके गोदामों में यूरिया खाद उपलब्ध नहीं था। सूत्रों ने बताया कि रैक से खाद उतरने के बाद सीधे खुदरा विक्रेता को भेज दिया जाता है। दूसरी ओर मिल रोड में स्थित महा जगदंबा ट्रैडर्स के पास एक बैग भी यूरिया खाद उपलब्ध नहीं था। दुकानदार ने बताया कि यूरिया के लिए मारामरी है। दूसरी ओर अधिकारियों की सख्ती है। इसलिए उसे बेचने में लाभ नहीं है।

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जिले में रिटेलर के पास 3440 मीट्रिक टन खाद

जिला कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार ने रिटेलरों के पास यूरिया खाद की कमी होने से इन्कार किया। उन्होंने बताया कि जिले में रिटेलरों के पास 3840.7 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि अगस्त माह में जिले में 13775 मीट्रिक टन खाद की आवश्यकता बतायी गई थी। लेकिन विभिन्न कंपनियों द्वारा अभी तक 4197 मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई है। हालांकि खाद आने का क्रम जारी है और जल्द ही जिले में यूरिया खाद प्रर्याप्त मात्रा में बाजार में उपलब्ध मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा तय कीमत से अधिक की बिक्री की शिकायत मिलने पर अविलंब कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अगर किसी किसान को शिकायत है तो वह संबंधित अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

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विभिन्न मात्रा में उपलब्ध है प्रखंडों में यूरिया खाद

कोईलवर प्रखंड में 8.28 मीट्रिक टन, अगिआंव प्रखंड में 36.76 मीट्रिक टन, गड़हनी प्रखंड में 49.54 मीट्रिक टन, संदेश प्रखंड में 67.66 मीट्रिक टन, बिहियां प्रखंड में 76.97 मीट्रिक टन, पीरो प्रखंड में 79.49 मीट्रिक टन, चरपोखरी प्रखंड में 85.23 मीट्रिक टन, सहार प्रखंड में 99 मीट्रिक टन, शाहपुर प्रखंड में 110.9 मीट्रिक टन, उदवंतनगर प्रखंड में 177.28 मीट्रिक टन, जगदीशपुर प्रखंड में 189.77 मीट्रिक टन, आरा में 288.78 मीट्रिक टन, बड़हरा प्रखंड में 289 मीट्रिक टन और तरारी प्रखंड में 388.76 मीट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध उपलब्ध है।

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