डरें नहीं, पाजिटिव सोंच से हार जाएगा कोरोना
वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बढ़ते कहर के बीच बदलते मौसम की मार से भी लोग सर्दी खांसी एवं बुखार की चपेट में आ जा रहे हैं।
आरा: वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के बढ़ते कहर के बीच बदलते मौसम की मार से भी लोग सर्दी, खांसी एवं बुखार की चपेट में आ जा रहे हैं। चारों तरफ भय एवं दहशत का माहौल कायम हो गया है। जिले में भी पॉजिटिव मामलों में वृद्धि आ गई है। मामूली सर्दी, खांसी एवं बुखार की स्थिति में भी लोग अपने को पॉजिटिव समझ डिप्रेशन का शिकार होते दिख रहे हैं और भय का वातावरण बनते जा रहा है। डिप्रेशन एवं घबराहट की स्थिति में लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, परन्तु पॉजिटिव अप्रोच की स्थिति में लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। जब प्रतिरोधक क्षमता शरीर में बढ़ जाती है तो वह किसी ही वायरस को आसानी से हरा सकती है। लिहाजा लोगों को हमेशा पॉजिटिव सोच जरूरी है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता शरीर में कायम रह सके। भोजपुर के आरा शहर के कई प्रसिद्ध चिकित्सकों से इस मुद्दे पर हमारे संवाददाता युगेश्वर प्रसाद ने बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश:
कोरोना से डरना नहीं है, पॉजिटिव अप्रोच रखना है: डॉक्टर वीरेंद्र
आरा शहर के प्रसिद्ध हड्डी एवं नस रोग विशेषज्ञ सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि कोरोना से डरना नहीं है, बल्कि पॉजिटिव अप्रोच रखना है। डरने से लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। पॉजिटिव सोच से प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। किसी भी वायरस को हराने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की जरूरत होती है। अफवाहों से दूर रहें और दुष्प्रचार से भी बचें। डिप्रेशन के कारण वायरस हावी हो जाता है और अपनी चपेट में ले लेता है। कोरोना का स्ट्रेन बदल गया है और अब हवा में आ गया है, जिसके कारण दूसरे में तेजी से फैल रहा है। कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है।
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फोटो फाइल
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99 प्रतिशत लोग 10 से 12 दिनों में घर में रहकर हो रहे हैं ठीक: डॉक्टर विकास
सदर अस्पताल आरा एवं शहर के प्रसिद्ध सर्जन डॉक्टर विकास कुमार ने कहा कि कोरोना से पॉजिटिव 99 प्रतिशत लोग अपने घरों में रहकर 10 से 12 दिनों में पूरी तरह स्वस्थ हो रहे हैं। जिले में कोरोना से रिकवरी रेट 90 प्रतिशत है, जो बिहार भरके रिकवरी रेट से ज्यादा है। कोरोना से डरना नहीं है और पॉजिटिव सोच रखना है। गर्म भोजन के साथ गर्म पानी का सेवन जरूरी है। फ्रिज का पानी एवं ठंडा चीजों से दूरी बनाए रखें। कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करते हुए डबल लेयर अथवा डबल मास्क का उपयोग करें। इससे 96 प्रतिशत संक्रमण से बचाव का चांस है।
----- 99 प्रतिशत लोग घरों में रहकर कोविड-19 की दवा से हो जा रहे हैं ठीक: डॉ दिलीप
आरा शहर के हॉट एवं मधुमेह के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ दिलीप कुमार कहते हैं कि कोरोनावायरस से पॉजिटिव 99 प्रतिशत लोग अपने घरों में सुरक्षित रह कर ठीक हो जा रहे हैं। एक प्रतिशत केस क्रिटिकल हो रहा है। यदि सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था हो जाए तो उन्हें भी बचाने का चांस ज्यादा हो जाएगा और मृत्यु दर घट जाएगी। समय पर ऑक्सीजन की व्यवस्था हो जाए तो क्रिटिकल केस में भी लोगों की जान बच जाएगी। कई ऐसे लोग भी हैं जो पॉजिटिव होकर नेगेटिव हो जाते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता है। कोरोना के प्रति पॉजिटिव सोच जरूरी है। नेगेटिव सोच से एवं घबराने से शरीर का प्रतिरोध क्षमता घट जाता है, जबकि कोरोना को हराने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसलिए इस बीमारी से डरे एवं घबराए नहीं, पॉजिटिव सोच रखें। कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन करना बहुत जरूरी है। जरूरी हो तभी घरों से निकलें भीड़-भाड़ से बचें: डॉक्टर सुधीर
भोजपुर के रहने वाले और बक्सर के चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर सुधीर कुमार ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से बचाव का सबसे बड़ा उपाय सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन है। बहुत ही जरूरी हो तभी घरों से निकलें और भीड़भाड़ से बचें। सोशल डिस्टेंसिग, मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजर हमेशा साथ रखें। पॉजिटिव सोच बहुत जरूरी है। इस बीमारी से डरने एवं घबराने की जरूरत नहीं है। लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करा लें और डॉक्टर से परामर्श लेकर दवा का उपयोग करें। हर खांसी, सर्दी, जुकाम और बुखार कोरोना नहीं है।