विधायक व विधान पार्षदों के साथ डीएम ने की बैठक

ले आरा एवं जगदीशपुर प्रखंड के हैं। जिले में प्रतिदिन लगभग 2500 से अधिक लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही है। टीकाकरण का कार्य भी लगातार जारी है। अभी तक जिले में लगभग 1 लाख 75 हजार 140 लोगों को कोरोना का टीका दिया जा चुका है।जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले में कोविड-19 के संबंध में अब तक किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई। साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की उपस्थिति सुनि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:14 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 11:14 PM (IST)
विधायक व विधान पार्षदों के साथ डीएम ने की बैठक
विधायक व विधान पार्षदों के साथ डीएम ने की बैठक

भोजपुर। जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा ने गुरुवार को जिले के विधायकों, मंत्री एवं विधान पार्षदों के साथ कोविड-19 से संबंधित जिले में किए जा रहे कार्यों की अद्यतन जानकारी देने और सुझाव प्राप्त करने के लिए जूम ऐप के जरिए बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिले में कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों और समुचित इलाज की व्यवस्था की जानकारी दी। बैठक में कृषि मंत्री व विधायक अमरेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह, विधान पार्षद रणविजय सिंह, राधाचरण सेठ, विधायक सुदामा प्रसाद, रामविशुन सिंह, मनोज मंजिल, अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन, प्रभारी पदाधिकारी आपदा उपस्थित थे। इस दौरान जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि अभी जिले में कोविड-19 के कुल 878 केश हैं, जिसमें सबसे अधिक मामले आरा एवं जगदीशपुर प्रखंड के हैं। जिले में प्रतिदिन लगभग 2500 से अधिक लोगों की कोरोना जांच कराई जा रही है। टीकाकरण का कार्य भी लगातार जारी है। अभी तक जिले में लगभग 1 लाख 75 हजार 140 लोगों को कोरोना का टीका दिया जा चुका है।जनप्रतिनिधियों द्वारा जिले में कोविड-19 के संबंध में अब तक किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई। साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने, अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी कोरोना मरीज के इलाज हेतु व्यवस्था कराने, कोराना जांच एवं टीकाकरण कार्य में तेजी लाने, शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सेनेटाइजेशन का कार्य कराने, ग्रामीण इलाकों में माइकिग के माध्यम से कोरोना के संबंध में प्रचार-प्रसार कराने, कोरोना मरीज के प्रथम उपचार हेतु आवश्यक दवाओं की उपलब्धता स्वास्थ्य केन्द्रों पर कराने, स्वास्थ्य केन्द्रों पर चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी की ड्यूटी चार्ट प्रदर्शित कराने, आक्सीजन की व्यवस्था कराने आदि बिन्दुओं पर सुझाव दिये गये।

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