आरा में सड़क जाम के कारण पैदल चलना भी मुश्किल
इधर जाम.. उधर जाम..सड़क से गलियां तक जाम- महाजाम परेशानियां कम नहीं हो रही हैं।
आरा । इधर जाम.. उधर जाम..सड़क से गलियां तक जाम- महाजाम, परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। ठंड के मौसम में भी लोगों का सड़क जाम से पसीना छूट रहा है। सुबह से शाम तक यह नजारा लोगों के लिए आफत जैसा हो चुका है। वैसे तो यह समस्या लंबे समय से शहरवासियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। शहर की कोई सड़कें ऐसी नहीं है, जहां सड़क जाम की समस्या न हों। जहां कभी जाम की समस्या नहीं होती थी, अब वैसी सड़कों पर भी जाम लग रहा है। नवादा थाना से मठिया रोड पर घंटों जाम रहा। शिवगंज, जेल रोड, गोपाली चौक, शीशमहल चौक, अरण्य देवी मोड़, सब्जी गोला, मीरगंज, बांसटाल, सिडीकेट, बिचली रोड, धर्मन चौक, चित्रटोली रोड, महादेवा, बाबु बाजार, शहीद भवन, महावीर टोला, जज कोठी, पकड़ी, कतीरा समेत ओवरब्रिज, बाजार समिति, धोबीघटवा, जीरोमाइल और बिहारी मिल आदि सड़कों पर जाम और महाजाम ने लोगों का सड़कों पर चलना मुश्किल कर दिया है। नए पुलिस कप्तान हर किशोर राय ने अपने पदभार ग्रहण के दौरान प्राथमिकता बताई थी कि शहर के लोगों को सड़क जाम से मुक्ति दिलाना प्रथम टास्क होगा। उनके पदभार का आज तीन माह की अवधि गुजर चुकी है, लेकिन सड़क जाम से लोगों का पीछा नहीं छूट रहा। बताया जाता है कि छठ पूजा से सड़क जाम का सिलसिला जो शुरु हुआ है, वह निरंतर जटिल होता जा रहा है। यातायात व्यवस्था के लिए लगभग हर चौक-चौराहा पर दो से तीन पुलिस बल की व्यवस्था की गई, लेकिन हर मोड़ पर पुलिस बल असहाय जैसा दिखाई दिख रहा है।
बताया जाता है कि जाम की समस्या गंभीर होने के पीछे सड़कों की संकीर्णता, यातायात व्यवस्था लुंज-पूंज और बड़े वाहनों के प्रवेश प्रमुख कहा जाता है। सड़क जाम से मुक्ति के लिए स्थानीय सांसद सह केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने विकल्प के तौर शहर के चारों तरफ रिग रोड के निर्माण के लिए पहल की थी। पूरे योजना का प्राक्कलन तैयार कर राज्य सचिवालय को भेजा गया है, लेकिन फंड के अभाव में मामला एक वर्ष से खटाई में पड़ा है।