भोजपुर में होटल में ठहरे व्यवसायी की संदेहास्पद स्थिति में मौत

टाउन थाना क्षेत्र के शहीद भवन रमना मैदान रोड स्थित एक होटल में ठहरे एक गोला व्यवसायी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 11:06 PM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 11:06 PM (IST)
भोजपुर में होटल में ठहरे व्यवसायी
 की संदेहास्पद स्थिति में मौत
भोजपुर में होटल में ठहरे व्यवसायी की संदेहास्पद स्थिति में मौत

आरा। टाउन थाना क्षेत्र के शहीद भवन, रमना मैदान रोड स्थित एक होटल में ठहरे एक गोला व्यवसायी की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई। घायल गोला व्यवसायी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मृतक 62 वर्षीय कृष्ण प्रताप नारायण सिंह उर्फ लाल सिंह टाउन थाना के भलुहीपुर मुहल्ला निवासी स्व. बाबू राम अयोध्या सिंह के पुत्र थे। वर्तमान में ओडिशा के राउरकेला में अपने पत्नी के साथ रहते थे। शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में कराया गया। पोस्टमार्टम के दौरान बिसरा प्रिर्जव कर दिया गया है। इसे से लेकर मृतक के भाई भरत सिंह के बयान पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। मृतक के नाक के पास जख्म का निशान पाया गया है। स्वजन अनहोनी की भी आशंका जता रहे है।

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तीन रोज पहले होटल के कमरे से मिले थे, फिर मौत

भलुहीपुर मुहल्ला निवासी कृष्ण प्रताप नारायण सिंह उर्फ लाल सिंह करीब दो साल से ओडिशा के राउरकेला में रहते थे। वह किसी काम के सिलसिले में 14 फरवरी को आरा आए थे। कार चालक सुनील कुमार गोस्वामी राउरकेला से आरा लेकर आया था। इसके बाद वह आरा शहर के शहीद भवन स्थित एक होटल में पहले एक दिन रूम नंबर 220 व फिर रूम नंबर 218 में रहते चले आ रहे थे। इस बीच 16 फरवरी को उनकी पत्नी मधुमयी सिंह ने कार ड्राइवर सुनील कुमार को फोन किया और कहा कि वह फोन नहीं उठा रहे हैं। उनसे उनकी बात कराइए। जिसके बाद ड्राइवर सुनील कुमार होटल मैनेजर के साथ उनके कमरे के पास पहुंचा। गेट खुला था और लाइट बुझा हुआ था। जब उन्होंने लाइट जलाकर देखा तो वह खून से लथपथ अपने बेड पर पड़े थे। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए शहर के एक निजी क्लीनिक में ले जाया गया। जहां दो दिन चले इलाज के बाद उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं होने के कारण चिकित्सक ने उन्हें पटना रेफर कर दिया था। इसके बाद उनके करीबी उन्हें इलाज के लिए पटना नहीं ले जाकर सदर अस्पताल ला रहे थे, तभी उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

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छोटे भाई को मौत के बाद हुई जानकारी

दूसरी ओर मृतक के छोटे भाई भरत सिंह ने बताया कि शुक्रवार की सुबह उन्हें करीब आठ बजे फोन से सूचना मिली कि आपके भाई की मृत्यु हो गई है। जिसके बाद वे लोग सदर अस्पताल पहुंचे। जिस दिन इनकी तबीयत होटल में बिगड़ी थी, उस दिन उनके साथ होटल में रोहतास जिला के दावथ थाना क्षेत्र के परमानंदपुर गांव निवासी उनका करीबी कृष्णकांत तिवारी नामक व्यक्ति होटल में मौजूद था। वर्तमान में वह नवादा थाना क्षेत्र के डीएम कोठी स्थित किराए के मकान में रहता है। लेकिन मृतक के भाई भरत सिंह ने उक्त व्यक्ति पर किसी प्रकार का कोई आरोप नहीं लगाया है और ना ही किसी अन्य व्यक्ति पर किसी प्रकार की आशंका जताई है। वैसे, कृष्णकांत तिवारी के अनुसार होटल में गिरने से चोटें आई थी। इधर, पुलिस द्वारा बनाये गए मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार मृतक बुजुर्ग की मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा।

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चार भाइयों में छोटे थे कृष्ण प्रताप

बताया जाता है कि मृतक अपने चार भाइयों भरत सिंह, प्रदीप सिंह व दिलीप सिंह में सबसे बड़े थे। मृतक के परिवार में सिर्फ एक पत्नी मधुमयी सिंह है। उन्हें कोई संतान नहीं थी। इसलिए उन्होंने एक रिचा नाम की लड़की को गोद लिया है, जो दस साल की है। मौत के बाद मृतक के घर में कोहराम मच गया। हादसे के बाद में पत्नी मधुमयी सिंह एवं परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल था। सूचना मिलने के बाद वह राउलकेला से आरा पहुंची हुई थी। साल 2017 में उन्होंने कुछ जमीन की खरीद-बिक्री भी की थी। जिसको लेकर भी विवाद चला आ रहा था।

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चार साल पहले हुई थी चाचा की हत्या

मालूम हो कि जुलाई 2017 में भलुहीपुर मोड़ के समीप गोला व्यवसायी कृष्ण कुमार सिंह उर्फ कुमार जी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। मृतक लाल सिंह के चाचा थे। करीब 10-12 लोगों के विरुद्ध नामजद केस हुआ था। जब घटना को लेकर काफी बवाल मचा था।

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