सोन नदी में अवैध खनन को लेकर 34 गिरफ्तार, छह नावें जब्त

भोजपुर जिले के कोईलवर सोन नदी में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए गुरुवार को लगातार पांचवें दिन फिर सघन छापेमारी की गई। छापेमारी का नेतृत्व आरा सदर एसडीएम वैभव श्रीवास्तव एसडीपीओ सदर विनोद कुमार और जिला खनन पदाधिकारी आनंद प्रकाश कर रहे थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 10:45 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 10:45 PM (IST)
सोन नदी में अवैध खनन को लेकर 34 गिरफ्तार, छह नावें जब्त
सोन नदी में अवैध खनन को लेकर 34 गिरफ्तार, छह नावें जब्त

जागरण टीम,आरा/ कोइलवर: भोजपुर जिले के कोईलवर सोन नदी में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए गुरुवार को लगातार पांचवें दिन फिर सघन छापेमारी की गई। छापेमारी का नेतृत्व आरा सदर एसडीएम वैभव श्रीवास्तव, एसडीपीओ सदर विनोद कुमार और जिला खनन पदाधिकारी आनंद प्रकाश कर रहे थे। कोईलवर, बड़हरा, सिन्हा समेत आधा दर्जन से अधिक विभिन्न थानों की पुलिस, सर्किल पुलिस इंस्पेक्टर,सीआईएटी, रैपिड एक्शन फोर्स, दंगा निरोधक दस्ता समेत जिला बल के साथ करीब पांच घंटे तक छापेमारी चली। जिसमें नाविक, मजदूर एवं नाव मालिक समेत 34 पकड़े गए। करीब छह नावें जब्त की गईं। छापेमारी देर शाम तक चलती रही। पकड़े गए नाव और मजदूरों पर खनन निरीक्षक श्यामानंदन ठाकुर के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। -----

पांच घंटे तक चला अभियान

गुरुवार की सुबह करीब नौ बजे से ही सदर एसडीओ के नेतृत्व में जिले का प्रशासनिक अमला सोन नदी में उतरा था। अफसरों के साथ आठ थानों की पुलिस टीम में थी। इस दौरान कोईलवर से बिदगांवा तक अभियान चला। अपराह्न दो बजे तक पुलिस एक्शन में रही। इस दौरान 34 नाविक व मजदूर पकड़े गए। सभी सारण, पटना, वैशाली आदि जिलों के बताए जाते है। इससे पूर्व नौ नावें जब्त हुई थी। 48 लोग पकड़े गए थे। इधर, बुधवार को जिलाधिकारी व एसपी ने भी बिन्दगांवा पहुंच सोन नदी के अवैध खनन वाले इलाके का जायजा लिया था। छापेमारी की रणनीति बनाई थी।

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छापेमारी खत्म होते ही पहुंच जाती हैं सैकड़ों नावें

छापेमारी के बावजूद अवैध खनन रुकने का नाम नही ले रहा है।पूरे दिन स्थानीय प्रशासन छापेमारी करता है लेकिन शाम होते ही अवैध खनन फिर से शुरू हो जाता है।शाम सात बजे से सैकड़ों की संख्या में नावें बालू उत्खनन के लिए कोइलवर इलाके में पहुंच जाती हैं। पिछले पांच दिनों में प्रशासन द्वारा छापेमारी में पकड़ी गई नावों को सुरक्षित रखना सबसे चुनौतीपूर्ण हो गया है। पूरे दिन छापेमारी में नाव पकड़ी जाती है और उन्हें नदी किनारे जब्त कर रखा जाता है। हालांकि, पुलिस के आपरेशन छेद से बहुत हद तक अंकुश लगने की संभावना जतायी जा रही है।

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