विश्व खाद्य दिवस: स्वस्थ रहने के लिए भोजन के साथ शारीरिक श्रम भी जरूरी, तिमांविवि के कुलपति ने दिए कई सुझाव
विश्व खाद्य दिवस पर आयोजित हुआ एक दिवसीय व्याख्यान। छपरा विवि के कुलपति और पटना विवि के प्रति कुलपति ने लिया हिस्सा। इंसानों को स्वस्थ रहने के लिए भोजन के साथ शारीरिक श्रम जरूरी है। मोटे अनाजों के प्रति लोगों का का मोहभंग हो रहा है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। इंसानों को स्वस्थ रहने के लिए भोजन के साथ शारीरिक श्रम जरूरी है। स्थानीय स्तर पर उत्पादित होने वाले मोटे अनाजों के प्रति लोगों का का मोहभंग हो रहा है। जो काफी चिंता का विषय है। हमें दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कुपोषण को दूर करने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा। स्थानीय खाद्य सामग्रियों को बढ़ावा देना होगा। यह बातें जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा के कुलपति प्रो. फारूक अली ने शनिवार को विश्व खाद्य दिवस के मौके पर कही।
कुलपति ने कहा कि सरकार को न्यूट्रीशन प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना चाहिए। तभी खाद्य सुरक्षा बिल की उपादेयता बढ़ेगी। यह बातें उद्घाटनकर्ता कुलपति विश्व खाद्य दिवस के मौके पर सराय स्थित सफाली युवा क्लब में आयोजित भारतीय पोषण संघ, भागलपुर चैप्टर के बैनर तले आयोजित व्याख्यान में बोल रहे थे। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव संघ के संयुक्त सचिव डा. दीपक कुमार दिनकर ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पटना विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. राजीव कुमार मलिक थे। व्याख्यान का आयोजन आनलाइन और आफलाइन दोनों तरीके से थे।
मुख्य अतिथि प्रो. मलिक ने कहा कि समाज में खाने को लेकर भ्रांतियों को खत्म करने की जरूरत है। फास्ट फूड का सेवन हानिकारक है। न्यूट्रीशन वैल्यू को अपनाकर ही देश को कुपोषण से मुक्त बनाया जा सकता है। संचालनकर्ता टीमएबीयू के पीआरओ डा. दिनकर ने कहा कि हर वर्ष यह दिवस मनाने का उद्देश्य भुखमरी से पीडि़त लोगों की मदद करना है। इसके साथ खाद्य के महत्व के प्रति जागरूकता करना पैदा करना है। एसएम कालेज होम साइंस विभाग की अध्यक्ष डा. शेफाली ने कहा कि आर्गेनिक खेती को अपनाकर पोषण जुड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है।
इस मौके पर आरएस कालेज तारापुर के शिक्षक डा. शाहिद रजा जमाल, छात्रा गुलफ्शां परवीन आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान वक्ताओं ने अतिथियों से सवाल जवाब भी किया।