मोबाइल का ज्‍यादा इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो आप संभल जाइए... आपको हो सकता है ब्रेन ट्यूमर

World Brain Tumor Day भागलपुर जिले में प्रतिवर्ष 15 से 20 फीसद मरीज हो रहे ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त। मेडिकल कॉलेज में प्राइमरी स्टेज के मरीजो के इलाज की है व्यवस्था। 70 फीसद कैंसर के मरीजों को होता है ब्रेन ट्यूमर। मोबाइल का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करने वाले संभलिए।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 10:26 AM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 10:26 AM (IST)
मोबाइल का ज्‍यादा इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो आप संभल जाइए... आपको हो सकता है ब्रेन ट्यूमर
मोबाइल का इस्‍तेमाल से ब्रेन ट्यूमर का खतरा रहता है।

जागरण सवांददाता, भागलपुर। World Brain Tumor Day: ज्यादातर जिन लोगो को कैंसर है, उन्हीं को ब्रेन ट्यूमर होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा ज्यादा देर तक मोबाइल से बात करने वाले को भी ब्रेन ट्यूमर होने की संभावना रहती है। क्योंकि मोबाइल से निकलने वाला रेडिएशन ब्रेन को प्रभावित करता है। भागलपुर जिले में प्रतिवर्ष 15 से 20 लोग ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्त होते हैं। इनकी उम्र 50 से ज्यादा होती है। जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्राइमरी स्टेज में ब्रेन ट्यूमर का इलाज है।

कैंसर से होता हैं ब्रेन ट्यूमर

जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में न्यूरोसर्जरी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ पंकज कुमार ने कहा कि 75 फीसद कैंसर के मरीजो को ब्रेन ट्यूमर होता है। किडनी, लीवर, प्रोस्टेड आदि में कैंसर होने से खून के रास्ते कैंसर ब्रेन में जाता है और ब्रेन ट्यूमर होता है। यानी 75 फीसद ब्रेन ट्यूमर कैंसर की वजह से ही होता है।

ब्रेन ट्यूमर होने की वजह

मोबाइल , फैक्ट्री के उपकरणों से निकलने वाला रेडिएशन, रेडियोथेरेपी, किमोथेरेपी का रेडिएशन के अलावा वंशानुगत भी ब्रेन ट्यूमर होने की वजह है।

डॉ पंकज ने कहा कि घंटो मोबाइल से बात करने की वजह से रेडिएशन ब्रेन को प्रभवित करता है। ऐसा लगातार होने से ब्रेन ट्यूमर होने की सम्भवना रहती है। अस्पताल में प्रतिवर्ष ब्रेन ट्यूमर के 15 से 20 मरीजो का इलाज किया जाता है। मोबाइल के रेडिएशन से 10 फीसद लोग ब्रेन ट्यूमर के ग्रस्त होते हैं। प्राइमरी स्टेज में ट्यूमर को ऑपरेशन से निकलने भर की व्यवस्था अस्पताल में है।

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

सुबह सिर में तेज दर्द होना, उल्टी, चक्कर आना, मिर्गी होना, रास्ते मे मिर्गी होने और इलाज में देरी होने से लकवा होने की संभावना।

सावधानी

मोबाइल से ज्यादा देर तक बात नही करे। अगर ज्यादा देर तक बात करनी हो तो स्पीकर को ऑन कर दे। कैंसर होने पर इलाज में देरी नही करना।

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