world AIDS Day : भागलपुर जिले में एड्स मरीजों की संख्या बढ़ी, जानिए वजह
भागलपुर जिले में एड्स मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। माह में दो हजार कमाने वाले 5903 लोग भी हैं एड्स से ग्रसित हो गए हैं। ज्यादातर एड्स के मरीज ऐसे हैं जो बाहर में रहते हैं। कमाने के लिए राज्य के बाहर गए हुए हैं।
भागलपुर, जेएनएन। भागलपुर पीड़ितों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जागरूकता के अभाव में लोग इस बीमारी से ग्रसित हो रहे है। इस शहर में प्रति माह दो हजार रुपये कमाने वाले लोग शामिल हैं। इसके अलावा ग्रेजुएट भी नासमझी की वजह से एचआईवी से ग्रसित हो जा रहे । जेएलएनएमसीएच के एंटी वायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर द्वारा यह खुलासा किया गया है। स्थिति तो यह है कि लोगों को एड्स के प्रति जागरुक करने के प्रति अब सरकार भी संजिदा नहीं रह गई है। एड्स दिवस के अवसर पर एआरटी को मिलने वाला फंड भी बंद है।हैं जिसका परिणाम है कि ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
एआरटी सेंटर में भागलपुर, बांका, जमुई, कटिहार, खगडिय़ा समेत कई जिलों के एड्स पीडि़तों का इलाज गत 10 वर्षों से किया जा रहा है। सेंटर से प्राप्त आंकड़े चौकाने वाले हैं। 2010 से अबतक इस सेंटर में 7955 एड्स पीडि़त मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इनमें 903 मरीजों की मौत भी हुई है।
मरीजों की संख्या प्रतिमाह कमाई
5903 2000 से कम
1642 2000 से 5000
337 5000 से 15000
251 15000 से ज्यादा
2011 से नहीं मिल रहा फंड
एड्स के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए सरकार द्वारा दिया जा रहा फंड सात वर्षों से बंद है। विश्व एड्स दिवस पर एआरटी सेंटर द्वारा खुद व्यवस्था कर रैली निकालकर खानापूर्ति भर की जाती है। इसके अलावा पांच वर्ष पूर्व जिले भर के मुखियों का सम्मेलन कर एड्स के प्रति लोगों को जागरुक किया गया था। इसके बाद से जिले में कोई भी जागरुकता अभियान नहीं चलाया गया। इस वजह से भी खासकर अनपढ़ और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एड्स से कैसे बचाव किया जाय इसकी जानकारी नहीं है।
2011 से प्रचार-प्रसार या कार्यक्रम के लिए फंड नहीं मिल रहा है। इसके पूर्व प्रतिवर्ष 12 हजार रुपये फंड दिए जाते थे। - डॉ. विजय कुमार सिंह, नॉडल पदाधिकारी, एआरटी