अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला संसद में इस बार गूंजेगा बाढ़, कटाव और विस्थापन का मुद्दा, ये लोग लेंगे भाग

सुपौल में इस बार अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला संसद का आयोजन किया जाएगा। इसमें आधी आबादी जोरदार तरीके से बाढ़ कटाव और विस्थापन का मुददा उठाएंगी। कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 04:09 PM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 07:27 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला संसद में इस बार गूंजेगा बाढ़, कटाव और विस्थापन का मुद्दा, ये लोग लेंगे भाग
सुपौल में अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिला संसद का आयोजन किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, सुपौल। इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला ( International Women's Day) दिवस के अवसर पर आठ मार्च को जिला मुख्यालय स्थित पब्लिक लाइब्रेरी सभागार में महिला संसद का आयोजन किया जाएगा। इसमें कोसी की बाढ़, कटाव, विस्थापन, जलजमाव की पीड़ा भोगने को अभिशप्त आधी-आबादी की आवाज उठेगी। कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा तय कर ली गई है।  

उक्त बातें आयोजन समिति की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में अर्चना ङ्क्षसह, मनोरमा कुमारी, इशरत परवीन, पूनम देवी, ललिता वास्की, प्रियंका कुमारी, अनीता देवी, पारो देवी व कुमुद रानी ने संयुक्त रूप से कही। कहा कि 8 मार्च का दिन दुनिया की आधी-आबादी के लिए आजादी, आत्म-सम्मान व अधिकार के लिए गरिमा पूर्ण दिवस है। कुर्बानी और संघर्ष के बाद महिलाओं की स्थिति में सुधार आया है। इन सबके बावजूद आज भी महिलाओं की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। कभी-कभी तो इस प्रगति के पहिए को रोकने के लिए पूरा सामाजिक तंत्र खड़ा दिखता है। यह सभी का साझा दर्द व साझी लड़ाई है। इसके अतिरिक्त अपने क्षेत्र की बात करें तो कोसी के तटबंध बनने के बाद से आज तक बीच के लोग बाढ़, कटाव विस्थापन और बाहर जल जमाव के कारण भीषण तकलीफों का सामना करते रहते हैं। उनमें सबसे अधिक पीड़ादायक स्थिति महिलाओं की होती है। इस महिला संसद में इनकी आवाज भी उठेगी।

संसद के आयोजन को लेकर लगभग तैयारी शुरू

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च को जिला मुख्यालय स्थित पब्लिक लाइब्रेरी सभागार में महिला संसद के आयोजन को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। इसमें शहर के कई गणमान्य लोग भी भाग लेंगे। उन्हें इसके लिए आमंत्रित किया जा रहा है। साथ ही साथ ज्यादा से ज्यादा युवा इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकें, इसके लिए लोगों को कार्यक्रम की जानकारी दी जा रही है। उनमें सबसे अधिक पीड़ादायक स्थिति महिलाओं की होती है। इस महिला संसद में इनकी आवाज भी उठेगी।  

chat bot
आपका साथी