पूर्णिया में महज 14 दिन के अंदर निगरानी की दूसरी बड़ी कार्रवाई, कई और अधिकारी रडार पर

पूर्णिया में निगरानी विभाग की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। महज 14 दिनों के अंदर निगारानी की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। अभी भी जिले के कई पदाधिकारी निगरानी की रडार पर हैं। इन लोगों पर भी अब...!

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 11:14 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 11:14 AM (IST)
पूर्णिया में महज 14 दिन के अंदर निगरानी की दूसरी बड़ी कार्रवाई, कई और अधिकारी रडार पर
पूर्णिया में निगरानी विभाग की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। महज 14 दिन के अंदर पूर्णिया में निगरानी विभाग की दूसरी बड़ी कार्रवाई हुई है। शुक्रवार को निगरानी विभाग की टीम ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अरङ्क्षवद कुमार भारती को कार्यालय से एक लाख तीस हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। इससे पूर्व नौ जुलाई को निगरानी की टीम द्वारा श्रम अधीक्षक कुमार आलोक रंजन व सहायक मनोज कुमार को 55 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि शुक्रवार की दोपहर अचानक कार्यालय से ही भू अर्जन पदाधिकारी को घूस लेते गिरफ्तार किए जाने से समाहरणालय परिसर में हलचल मचा रहा। इस कार्रवाई की सूचना से अन्य अधिकारियों के कान भी खड़े हो गए। भू-अर्जन पदाधिकारी शहर के वार्ड नंबर आठ, मरंगा निवासी नितेश कुमार राज से अधिग्रहित भूमि के मुआवजा भुगतान के लिए रिश्चत ले रहे थे। दरअसल नितेश राज की कुछ जमीन एन एच 107 में अधिग्रहित हुई थी। उन्हें कुल 31.59 लाख भुगतान होना था। इस भुगतान के लिए वे लगातार कार्यालय का चक्कर काट रहे थे। बाद में भू-अर्जन पदाधिकारी ने इस एवज में उनसे एक लाख तीस हजार रुपये की मांग कर दी। इस स्थिति में उसने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से कर दी और अंतत: निगरानी ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इससे पूर्व निगरानी विभाग की टीम ने नौ जुलाई को श्रम अधीक्षक व कार्यालय सहायक को 55 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। मां अंबे इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के एचआर मैनेजर विजय कुमार से 55 हजार रिश्चत लेते श्रम अधीक्षक व सहायक को गिरफ्तार किया गया था।

22 दिसंबर 2020 को पूर्व डीएओ हुए थे गिरफ्तार

वर्ष 2020 के अंत में भी निगरानी की टीम द्वारा यहां बड़ी कार्रवाई की गई थी। 22 दिसंबर 2020 को पूर्व जिला कृषि पदाधिकारी शंकर झा को निगरानी की टीम ने खाद-बीज की दुकान की अनुज्ञप्ति देने के एवज में डेढ़ लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इस तरह आठ माह के अंदर यहां तीन विभाग प्रमुख निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं।

और देखते ही देखते भू-अर्जन कार्यालय के समक्ष जुट गई भीड़

शुक्रवार को निगरानी विभाग की टीम द्वारा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को गिरफ्तार किए जाने की सूचना समाहरणालय परिसर में जंगल में आग की तरह फैल गई। यद्यपि जब तक लोग वहां पहुंचे टीम भू-अर्जन पदाधिकारी को साथ लेकर निकल चुकी थी। कार्यालय के समीप जुटी भीड़ पूरी कार्रवाई की जानकारी लेने को व्यग्र दिखी। इधर अधिकारी की गिरफ्तारी के बाद कार्यालय के कर्मियों के चेहरे का रंग फीका पड़ गया था और कोई कुछ बोलने को भी तैयार नहीं था। टीम द्वारा अचानक भू-अर्जन पदाधिकारी को अपने कब्जे में लेकर वहां से चल दिए जाने से सभी सकते में आ गए। धीरे-धीरे सारा माजरा खुला।  

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