क्‍या तोड़ा दिया जाएगा विक्रमशिला सेतु?, भागलपुर गंगा पर 21 वर्ष पूर्व बना है साढ़े चार हजार मीटर लंबा यह पुल

भागलपुर में नया फोरलेन पुल बनने से पुराने विक्रमशिला सेतु पर खतरा। कोलकाता से बनारस तक मालवाहक जहाज चलाने की योजना। इसी के लिए पुराने पुल को तोडऩे की पड़ेगी जरूरत। समानांतर चार लेन पुल ले निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 10:18 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 10:18 AM (IST)
क्‍या तोड़ा दिया जाएगा विक्रमशिला सेतु?, भागलपुर गंगा पर 21 वर्ष पूर्व बना है साढ़े चार हजार मीटर लंबा यह पुल
भागलपुर गंगा नदी पर बना विक्रमशिला पुल।

भागलपुर [आलोक कुमार मिश्रा]। गंगा नदी पर नया फोरलेन पुल बनने के बाद विक्रमशिला सेतु के अस्तित्व पर खतरे की घंटी बजने लगेगी। इसे तोड़कर 21 साल पुराने पुल का नामोनिशान मिटा दिया जाएगा। दरअसल, कोलकाता से बनारस के बीच गंगा में वाया भागलपुर होकर कार्गो जहाज (मालवाहक जहाज) चलाया जाएगा। 54 मीटर लंबे, नौ मीटर चौड़े व 470 हार्सपावर इंजन वाले इस मालवाहक जहाज को गंगा में चलाने के लिए पुल के स्पैन का फासला कम से कम 100 मीटर होना है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आइडब्ल्यूएआइ) इस पर बल दे रहा है।

इससे कम फासला होने पर नये समानांतर फोरलेन पुल निर्माण को अनुमति देने इन्कार कर रहा है।आइडब्ल्यूएआइ ने तकनीकी तौर पर यह व्यवस्था की है कि पुल के पूरे हिस्से का स्पैन सौ मीटर फासले का होना चाहिए। इस कारण विक्रमशिला पुल की नये सिरे से निविदा करने की नौबत आ गई है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की इस तकनीकी व्यवस्था का आधार पर्यावरण व वाणिच्यक है।

इस संबंध में यह कहा गया है कि अगर पुल के स्पैन का फासला सौ मीटर से अधिक का नहीं होता है तो उससे मालवाहक जहाज नहीं गुजर सकेंगे। इसके अतिरिक्त नदी में पानी का बहाव भी सही तरीके से नहीं होगा और इसमें गाद जमा होगी। आइडब्ल्यूएआइ का कहना है कि जहां पुल बनता है वहां मुख्यधारा में स्पैन का फासला सौ मीटर तो कर दिया जाता है पर मुख्यधारा से अलग स्पैन का फासला पचास मीटर ही रखा जाता है। पर्यावरण की दृष्टि से यह उचित नहीं।

विक्रमशिला सेतु के समानांतर चार लेन पुल के निर्माण को ले निविदा की प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। काम शुरू किए जाने की तैयारी थी, लेकिन आइडब्ल्यूएआइ से अनुमति नहीं मिलने से मामला अटक गया। इस पुुल की डिजायन में कई जगह 50 मीटर वाले स्पैन थे।

इधर, जुलाई 2001 में चालू हुए विक्रमशिला पुल के 67 स्पैनों में शुरू के आठ स्पैनों का फासला 120 मीटर और शेष का 53 से 65 मीटर के बीच ही है। ऐसी स्थिति में मालवाहक जहाज को गुजारने की समस्या खड़ी होगी। एलएंडटी के अधिकारी व पुल निर्माण निगम के अधिकारी भी नए पुल के बनने के बाद पुराने पुल को तोडऩे की संभावना जता रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो यदि विक्रमशिला सेतु को तोडऩे के बजाय इसे बचाने का विकल्प यही हो सकता है कि इस पुल के अन्य स्पैन का फासला बढ़ाया जाए। इसमें 200 से 250 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च आएगा। इस काम में दो साल का समय लगेगा। पुराने पुल को तोडऩे के लिए भी संबंधित विभाग से अनुमति लेनी पड़ेगी, क्योंकि मलवा गंगा में गिरेगा।

प्रस्तावित फोरलेन पुल

- पुल की चौड़ाई : 29 मीटर - लंबाई 4455 मीटर - सड़क की लंबाई : 9.50 किलोमीटर - गंगा नदी पर 68 स्पैन बनाने की बात

विक्रमशिला सेतु और समानांतर पुल की लंबाई लगभग समान होगा। विक्रमशिला सेतु गंगा की सतह से 14 मीटर ऊंचा है। समानांतर पुल की ऊंचाई एकाध मीटर अधिक भी की जा सकती है। मालवाहक जहाज के लिए पुराने और नए, दोनों पुलों की ऊंचाई काफी होगी।

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