इंदौर और भागलपुर में कितना अंतर, क्यों इस हालत में है अपनी सिल्क सिटी, 5 बिंदुओं से सब हो जाएगा 'स्वच्छ और साफ'

इंदौर लगातार पांच साल से स्वच्छता के मामले में शीर्ष स्थान पर है। हमारा भागलपुर रैंकिंग में सुधार की जगह बड़े अंतराल में पिछड़ चुका है। ऐसे में क्या कुछ कमी रह गई किन और किस चीजों पर काम करने की जरूरत दिखाई पड़ती है। इसकी पड़ताल की जागरण ने...

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 08:26 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 08:26 AM (IST)
इंदौर और भागलपुर में कितना अंतर, क्यों इस हालत में है अपनी सिल्क सिटी, 5 बिंदुओं से सब हो जाएगा 'स्वच्छ और साफ'
जागरण ने है ठाना-स्वच्छ भागलपुर है बनाना।

टीम जागरण, भागलपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की रैंकिग के बाद सिल्क सिटी भागलपुर में क्या कुछ कमियां हैं, इसपर जागरण ने पड़ताल की। लगातार पांच बार से इंदौर को स्वच्छता के मामले में नंबर वन शहर माना गया। आखिर इंदौर और भागलपुर में क्या अंतर हैं। क्यों हमारा सिल्क सिटी खूबसूरती नहीं दिखा पा रहा, आखिर क्यों...

 इंदौर के सामने कहां खड़ा है भागलपुर?

1. इंदौर में घरों से निकले गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग गाड़ियों में डाला जाता है। डोर-टू-डोर, हर सुबह कूड़े का उठाव होता है। लोगों की आदत में ये लाया गया है लेकिन भागलपुर में इस व्यवस्था को अब तक लागू नहीं किया गया।

2. कचरे का सही निष्पादन

इंदौर में गीले कचरे से कंपोस्ट (जैविक खाद) और गीले कचरे से सीएनजी (काम्पैक्ट नेचुरल गैस) बनाई जाती है। इसका प्रयोग सिटी बसों में ईंधन के रूप में होता है। खाद किसानों व नागरिकों को बेची जाती है।

भागलपुर में दो जैविक पिट भूतनाथ मार्ग में अर्धनिर्मित हैं। बरारी वाटर वर्क्स में जलापूर्ति योजना के लिए चार पिट तोड़ दिए गए। पुलिस लाइन की पिट से खाद तैयार नहीं हुआ।

3. फोर आर पर काम

इंदौर में फोर आर यानी रियूज, रिसाइकिल, रिड्यूज और रिफ्यूज पर काम हुआ। रियूज, रिसाइकिल के तहत घरों के वेस्ट मटीरियल से सजावट की चीजें बनाई गईं और शहर में दो फोर आर गार्डनों में लगाई गईं। रिड्यूज के तहत प्लास्टिक डिस्पोजल और पालीथिन की थैलियों पर रोक लगाई गई। रिफ्यूज के तहत लोगों में जागरूकता फैलाई गई कि वे प्लास्टिक का उपयोग करना बंद करें।

भागलपुर में वेस्ट मटीरियल से सजावट की चीजें तैयार करने के लिए मुहिम नहीं चलाई गई।

4. वाटर प्लस सिटी

इंदौर नगर निगम ने शहर की कान्ह व सरस्वती नदी में नाला टेपिंग की और सीवरेज का गंदा पानी इसमें मिलने से रोका। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को उपचारित कर इसे नदियों में छोड़ा गया।

 भागलपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की योजना है पर कार्य शुरू नहीं हुआ है। गंगा में छोटे-बड़े 80 नालों का पानी गिर रहा है।

5. जनभागीदारी

इंदौर में नागरिकों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया गया। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं, सामाजिक संगठनों, स्थानीय संगठनों की मदद ली गई। भागलपुर में सर्वेक्षण का महज कोरम पूरा होता है। लोगों को प्रेरित नहीं किया जाता। स्वच्छता को लेकर कोई ब्रांड एंबेसडर भी नजर नहीं आता, जबकि शहर की कई हस्तियां लोगों के जहन में बसती हैं। 

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