शादी के मौसम ने लगा दिया खगड़िया के काष्ठ मेले पर चार चांद, घर को सजाना हो तो जरूर पहुंचे गौशाला परिसर
शादी का मौसम है तो लोग अपनों को गिफ्ट करने के लिए कुछ न कुछ खरीददारी जरूर करते हैं। ऐसे में बिहार के खगड़िया जिले में लगने वाला काष्ठ मेला इन दिनों गुलजार है। सस्ती एंटिक जीचों के लिए इस मेल में लोग पहुंच रहे हैं।
चंदन चौहान, जागरण संवाददाता, खगड़िया: एक माह तक चलने वाला खगड़िया के काष्ठ मेला की अपनी पहचान है। यहां घरेलू जरूरत की काष्ठ की तमाम समान उपलब्ध हैं। उखल से लेकर दीवान-पलंग तक। अब खरीदारों की भीड़ उमड़ने लगी हैं। बेहतरीन डिजाइन, टिकाऊपन, मजबूती और सस्ते दामों के कारण काष्ठ मेला में दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। यह मेला खास कर वैवाहिक लग्न को देखते हुए लगाया जाता है। इस महीने अधिक लग्न होने के कारण फर्नीचर की खरीदारी अधिक हो जाती है।
65 हजार तक के हैं डिजाइनदार पलंग
काष्ठ मेले में एक से बढ़कर एक फर्नीचर मौजूद हैं। रोजाना बड़ी संख्या में खरीदार भी पहुंच रहे हैं। बेहतरीन डिजाइन के चमकदार दीवान- पलंग, प्लेन पलंग, बाक्स पलंग, ड्रेसिंग टेबल, चौकी, टेबल, सोफा आदि से काष्ठ मेला सजा हुआ है। यहां पलंग सात-आठ हजार से लेकर 25 हजार तक सामान्य तौर पर उपलब्ध हैं। ड्रेसिंग टेबल 35 सौ से छह हजार रुपये तक मिल रहे हैं। जबकि मेले में 65 हजार रुपये के पलंग भी उपलब्ध हैं। यह पलंग पूरी तरह से शीशम की लकड़ी से बना है। जिसमें बेहतरीन कलाकारी झलकती है।
पढ़ें: पटरी पर लौटी नौनिहालों की भी जिंदगानी, बांका के आंगनबाड़ी में गूंज रही बच्चों की किलकारी
गौशाला परिसर में लगे हैं 63 काष्ठ स्टाल
पहले काष्ठ मेला राजेंद्र सरोवर के तट पर लगता था। जिसके बाद श्रीकेसरीनंदन व्यायामशाला के अखाड़े के आसपास लगने लगा। गौशाला संचालन समिति के सदस्य अनिरुद्ध जालान ने बताया कि काष्ठ मेला खुले में होने के कारण बाहर से आए व्यापारियों को दिक्कत होती थी। लेकिन, गौशाला परिसर की चारदीवारी होने के बाद यह सब तरह से सुरक्षित हो गया हैं। अब व्यापारियों को समान चोरी का डर नहीं रहता है। काष्ठ मेले में फिलहाल 63 स्टाल लगाए गए हैं। जहां जिले के काष्ठ कारोबारी सहित वैशाली जिले के दो व्यवसायी, नवगछिया और थाना बिहपुर सहित दूसरे जिले के व्यवसायियों ने अपना स्टाल लगाया है।