खजाना खाली, जल देवता पहुंचे पाताल

भागलपुर। सूर्य की तपिश बढ़ते ही खजाना खाली हो गया और जल देवता पाताल पहुंच गए। शहर में भ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 02:20 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 02:20 AM (IST)
खजाना खाली, जल देवता पहुंचे पाताल
खजाना खाली, जल देवता पहुंचे पाताल

भागलपुर। सूर्य की तपिश बढ़ते ही खजाना खाली हो गया और जल देवता पाताल पहुंच गए। शहर में भूगर्भ जलस्तर गिर गया है। डीप बोरिग हांफने लगे हैं। ऐसे में जल संकट गहराने लगा है और लोगों की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। खंजरपुर, हाउसिग बोर्ड और डिक्सन मार्ग समेत पांच बोरिग का जलस्तर गिर गया है। शहर में यह स्थिति भूगर्भ जल का अत्यधिक दोहन के कारण उत्पन्न हुई है।

शहर में जल उपलब्धता की वर्तमान स्थिति चिताजनक है। गर्मी के दस्तक देते ही भूगर्भ जलस्तर तेजी से गिरने लगा है। भूगर्भ जल का अत्यधिक दोहन से पिछले एक माह में जलस्तर गिरा है। इसका सीधा असर जलापूर्ति व्यवस्था पर पड़ रहा है। चापाकल तो पहले से ही हांफ रहे थे अब विभिन्न वार्डो के डीप बोरिग भी फेल होने लगे हैं। शहर के 60 डीप बोरिग में पांच बोरिग से कम प्रेशर में पानी निकलने की शिकायत मिल रही है, जबकि दो बोरिग पूर्व से बंद है। इसमें से ज्यादातर की स्थिति ठीक नहीं है।

अधिकांश बोरिग का जलस्तर 10 से 20 फीट तक गिर

मार्च व अप्रैल में भूगर्भ जलस्तर तेजी से नीचे जाने की संभावना से निगम प्रशासन की चिता अभी से बढ़ा दी है। पिछले एक माह में शहर में अधिकांश बोरिग का जलस्तर 10 से 20 फीट तक गिर गया है। वर्तमान 110 से 115 फीट के बदले खंजरपुर व ग्वालटोली आदि मोहल्लों में 130 से 140 फीट की गहराई में पानी मिल रहा है। इससे हाउसिग बोर्ड, डिक्शन मार्ग व मसकन बरारी समेत बोरिग में 10 से 20 फीट तक का कॉलम पाइप बढ़ाने की नौबत आ चुकी है। यथाशीघ्र व्यवस्था नहीं की गई तो शहर की जलापूर्ति व्यवस्था ठप हो सकती है।

भागलपुर पश्चिमी क्षेत्र में दो दशक पहले तक न्यूनतम 25 से 28 फीट पर पानी मिलता था, लेकिन अब 100 से 115 फीट पर मिल रहा है। मध्य भागलपुर में तो जलस्तर 20 फीट तक नीचे चला गया है। जबकि भागलपुर पश्चिमी क्षेत्र में दो दशक पहले तक न्यूनतम 25 से 28 फीट पर पानी मिलता था लेकिन अब 100 से 115 फीट पर मिल रहा है।

----------------------

जलापूर्ति ठप होने से लोगों की बढ़ी परेशानी

वार्ड संख्या 25 के छोटी खंजरपुर मकबरा स्थित अंबेडकर बोरिग पंप हाउस से जलापूर्ति बाधित होने से लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। मंगलवार को पार्षद गोबिद बनर्जी ने उपनगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा को जलापूर्ति समस्या से अवगत कराया। साथ ही समस्या के समाधान की मांग की। पार्षद ने कहा कि डीप बोरिग के भूगर्भ जलस्तर 20 फीट नीचे चला गया है।

पिछले 18 दिनों से छोटी खंजरपुर व मकबरा को छोड़कर शेष इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हो है। जिसके कारण झौवाकोठी, शिवजी पथ, काशी मिस्त्री लेन व बिरू मिस्त्री लेन के लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। पार्षद ने जलकल शाखा के इंजीनियर कृष्णा को एक सप्ताह पहले समस्या से अवगत कराया था, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई। इंजीनियर ने पार्षद को अपनी समस्या से अवगत कराते हुए कहा कि गत वर्ष पाइप की खरीदारी हुई थी उनका अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। पुराना भुगतान नहीं होता है तक तक नया पाइप मंगाना मुश्किल है। ग्वालटोली व चंडी प्रसाद लेन मोहल्ले में तीन माह से आपूर्ति बाधित होने से पांच हजार लोग परेशान हैं। वहां बोरिग का जलस्तर 140 फीट तक चला गया है। प्रत्येक डेढ़ से दो घंटे के अंतराल पर एक घंटे के लिए बोरिग बंद करना पड़ रहा है। बोरवेल में पानी री-स्टोर होने के बाद दोबारा चालू करना पड़ रहा है।

---------------------

नगर निगम का दावा, नहीं होगी परेशानी

शहर में गिर रहे जलस्तर से होने वाले जलापूर्ति संकट की आशंका को लेकर नगर निगम की जलकल शाखा अभी से तैयारी में जुट गई है। उपनगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने योजना शाखा को युद्ध स्तर पर अभी से कार्य करने का निर्देश दिया है। 15 मार्च के बाद शहर में जलापूर्ति संकट से लोगों को सामना नहीं करना पड़े। इसके लिए अतिरिक्त आठ टैंकर व इंजन की व्यवस्था होगी। 10 टैंकर नगर निगम के पास है। इससे शहर को तीन फेरे में करीब 30 टैंकर से जलापूर्ति की जा सकेंगी। वहीं डीप बोरिग में पाइप बढ़ाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। इसकी स्वीकृति नगर आयुक्त से मिलने के बाद पाइप की खरीदारी होगी। पानी समस्या को लेकर नगर निगम नियंत्रण कक्ष बनाएगा। यहां लोगों की पेयजल संबंधी शिकायत दर्ज कराएंगे। जिसका त्वरित निष्पादन किया जाएगा। बरारी वाटर व‌र्क्स की जलापूर्ति में बदबू की शिकायत दूर करने को ब्लीचिग की मात्रा बढ़ाकर पानी शोधन करने का निर्देश दिया है। वहीं शहर के सभी चापाकलों को पीएचईडी विभाग द्वारा मरम्मत कराया जाएगा।

बता दें कि स्थायी समिति की बैठक स्थगित होने से बोरिग के लिए अतिरिक्त मोटर पंप की खरीदारी नहीं हो सकी।

पानी का अत्यधिक हो रहा दोहन

शहर में वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम के नियम-कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। शहर में ऐसे 300 से अधिक बड़े अपार्टमेंट और बहुमंजिली इमारतें हैं जिनकी टंकियों से प्रतिदिन सैकड़ों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है।

शहर में करीब 50 हजार घरों में सबमर्सिबल कराया जा चुका है। शहर के डीप बोरिग से प्रति दिन 1.30 लाख लीटर पानी भू-गर्भ से खींच रहे हैं। इन बोरिग घरों में आपूर्ति होने वाली पानी का 20 फीसद ही लोग उपयोग कर पाते हैं। जहां सबमर्सिबल लगता है उसके आसपास के क्षेत्र में पानी का स्तर 40 फीट तक नीचे चला जाता है। शहर में 50 से अधिक अवैध आरओ प्लांट चल रहे हैं। जो हर दिन 80 लाख लीटर से अधिक पानी भू-गर्भ से खींच रहे हैं।

chat bot
आपका साथी