Floods in Seemanchal: रोड पर बह रहा पानी, स्वास्थ केंद्र टापू में तब्दील, मरीजों को हो रही परेशानी
लगातार हो रही बारिश के कारण सीमांचल के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति है। फारबिसगंज के हरिपुर में बना उपस्वास्थ्य केंद के चारों ओर पानी घिर गया है। इससे स्वास्थ्य केंद्र तक आने-जाने में मरीजों को परेशानी हो रही है। यहां न डॉक्टर आते हैं न नर्स।
अररिया, जेएनएन। लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति हो गई है। बारिश के कारण जहां सड़कें ध्वस्त हो गई, आमजनों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वहीं फारबिसगंज के हरिपुर में बना उपस्वास्थ्य केंद्र भी विकास के दावों का पोल खोल रही है। उपस्वास्थ्य केंद्र परिसर में तीन फीट से अधिक पानी जमा हुआ है जिस कारण यहां न डॉक्टर आते हैं न नर्स ऐसे में इस आपदा के घड़ी जब कोई गर्भवती महिला उपस्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचती है तो बैरंग लौटना पड़ता है, या दर्द के मारे छटपटाती रहती है मगर उसे देखने वाला कोई नहीं रहता है।
इस संबंध में समाजसेवी रामदेव ऋषिदेव ने बताया कि कई बार स्थानीय मुखिया व अस्पताल प्रबन्धक को उपस्वास्थ्य केंद्र परिसर में मिट्टी भराई के लिए कहा गया है लेकिन किसी ने ध्यान देना उचित नही समझा। उन्होंने कहा कि बारिश के दिनों में आसपास के आधा दर्जन गांवों के मजबूर लाचार मरीजों का एकमात्र सहारा यही उपस्वास्थ्य केंद्र है लेकिन इसकी दुर्दशा को देखने वाला कोई नहीं है।
बाढ़ पीडि़तों को अबतक नहीं मिली कोई मदद
अररिया। पिछले कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश और बाढ़ का पानी इस दोहरी मार ने कई पंचायतों के लोगों की परेशानी काफी बढ़ा दी है। घर में पानी घुस जाने से लोग सड़कों और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। जहां खुले आसमान के नीचे पेट की आग शांत करने के लिए खाना बनाकर किसी तरह ङ्क्षजदगी काट रहे है। लेकिन प्रशासन द्वारा अबतक इन लोगों की कोई सुधि नही ली गयी है। प्रखंड से होकर बहने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ा जिससे प्रखंड क्षेत्र का दर्जनों गांव देखते ही देखते जलमग्न हो गया। प्रखंड क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका से आये दिन तबाह होने वाले पंचायतों में रहटमीना, सौरगांव, लक्ष्मीपुर, जागीर परासी, सिकटिया, डुमरिया में बाढ़ ने सबसे अधिक तबाही मचाई है । ग्राम पंचायत रहटमीना, सौरगांव व जागीर परासी में जगह जगह पर सड़क क्षतिग्रस्त होने के कारण तीन दिन से आवागमन भी बाधित है। वहीं घर आंगन में बाढ़ का पानी आ जाने से उक्त पंचायत के सैकड़ों परिवार बेघर हो चुके हैं। बाढ़ पीडि़त परिवार से मिली जानकारी अनुसार कोरोना काल से परेशान ग्रामीण अपने परिजनों के लिये दो वक्त का भोजन का जुगाड़ तो किसी तरह कर भी लेते थे। लेकिन उन पशुओं का क्या करें जिसके लिए चारा का जुगाड़ करना काफी परेशानी का सबब बन गया है।
वहीं ग्राम पंचायत शंकरपुर के सिझुआ, मेगरा, शंकरपुर, करहिया समेत अन्य गांव में बाढ़ की तबाही से आमजन परेशान दिखे। गोसैंपुर के ग्रामीणों को प्रशासन के तरफ से जब कोई उपाय नहीं किया गया तो सड़क पर ही गैस चूल्हा जलाकर खुद समेत परिजनों के पेट की आग को शांत करने में जुटे गये। वहीं नया टोला, पुरानी सिकटिया, बटराहा, टेढ़ीकात समेत अन्य गांव के ग्रामीणों को बाढ़ से अधिक जलजमाव की समस्या से परेशान हैं। कुआडी पंचायत का पीरगंज, भूमपोखर, विशनपुर, कठफर समेत अन्य गांव के लोग बाढ़ द्वारा मची तबाही को लेकर प्रशासन से राहत की उम्मीद संजोये बैठे हैं । लेकिन प्रशासन द्वारा बाढ़ को लेकर मिलने वाली राहत को लेकर किसी प्रकार की सहायता नही मिलने से उनमें आक्रोश देखा गया।