ठंड के मौसम में पहाड़ी इलाकों में बढ़ी नक्सलियों की चहलकदमी, सहमे ग्रामीण, जानिए वजह
ठंड के मौसम में पहाड़ी इलाकों में नक्सलियों की चहलकदमी बढ़ने से धरहरा प्रखंड के वाशिंदों की चिंता बढ़ गई हैा नक्सलियों की टोह में स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है। आरोपित अरविंद यादव पुलिस खोज रही हैा
जागरण संवाददाता, मुंगेर । लालगढ़ के नाम से चर्चित धरहरा प्रखंड से नक्सलियों का गहरा रिश्ता रहा है। यहां के वाशिंदे नक्सलियों के खौफ के साए में अपनी जिंदगी बिताने को मजबूर हैं। हाल के दिनों में एक बार फिर से नक्सलियों की धरहरा के पहाड़ी इलाकों में चहल-कदमी बढ़ी है। इसको लेकर खुफिया विभाग ने गृह विभाग को रिपोर्ट भी भेजी है।
हालांकि, नक्सलियों की टोह में स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा लगातार छापेमारी की जा रही है। सोनो, चकाई, जमुई, लखीसराय,मुंगेर के खडग़पुर ,धरहरा, लड़ैयाटाड़ सहित अन्य कई थानों में जेबी जोन के कमांडर अरविंद यादव व उनके सहयोगियों पर पांच दर्जन से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं। जिसमें बहुचर्चित करेली नरसंहार कांड भी शामिल है।
नौ फरवरी 2020 को भी लड़ैयाटाड़ थाना क्षेत्र के बंगलवा स्थित सतघरवा पैक्स गोदाम से एक बारह बोर का दो नाली बंदूक, एक देसी राइफल, .315 बोर का 56 पीस कारतूस, 10 पीस पुलिस बेल्ट, भिसिल कोड, नक्सली वर्दी के कपड़े, कंबल, बैग, त्रिपाल, देसी पिस्तौल सहित अन्य नक्सलियों को आपूर्ति किए जाने वाले जरूरी सामान बरामद किए गए थे। इस के बाद लड़ैयाटाड़ थाना के पुलिस अवर निरीक्षक शिव मुनि सिंह के बयान पर कांड संख्या 1/20 के तहत सतघरवा निवासी उदय यादव, जमुई जिले के चरका पत्थर निवासी जेबी जोन के कमांडर अरविंद यादव सहित अन्य अज्ञात नक्सलियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
विगत माह जेबी जोन के कमांडर अरविंद यादव के निकटतम सहयोगी नक्सली छोटू कोड़ा ने धरहरा थाना क्षेत्र के बांझीटाङ निवासी उरेन कोड़ा के पुत्र रमेश कोड़ा के पेट में चाकू घोंप दिया था। गंभीर रूप से जख्मी हुए रमेश को देखते ही ग्रामीण आग बबूला होने के बाद 10 जनवरी को नक्सली छोटू कोड़ा को मध्य विद्यालय बरमसिया के समीप बांध दिया था। बाद में नक्सल अभियान एएसपी राजकुमार राज के निर्देश पर धरहरा थाना अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह ने छोटू कोड़ा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
पहाड़ी क्षेत्रों में नक्सलियों के लगातार आवाजाही की सूचना मिल रही है। अपने पुराने मित्रों के घर पहुंचकर नक्सली लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाने के बाद जंगलों में कूच कर जाते हैं। नक्सलियों की आवाजाही और खानपान करने की सूचना मिलते ही आसपास के ग्रामीण काफी भयभीत दिख रहे हैं। ग्रामीणों को यह भय सता रहा है कि कभी भी नक्सली किसी बड़ी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। बताते चलें कि वर्ष 2006 में धरहरा प्रखंड के दशरथपुर रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को बारूदी सुरंग से उड़ा देने के बाद अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करने वाले नक्सली अब तक दर्जनभर से अधिक लोगों को पुलिस मुखबिर बताकर मौत के घाट उतार चुके हैं।
नक्सलियों ने वर्ष 2011 की 02 जुलाई को करेली नरसंहार में छह ग्रामीणों को गोलियों से भून डाला था। नक्सलियों ने धरहरा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष राजीव चौधरी पर भी गोलियां बरसाई थी। हालांकि उसमें वह बाल-बाल बच गए थे। सतघरवा निवासी जदयू नेता रामचंद्र यादव ,अनिल यादव,धरहरा थाना के चौकीदार सुबुक लाल पासवान, महगामा के किसान अर्जुन यादव, कुदरताबाद के फंटूश और कमलेश्वरी यादव को भी नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर बताकर मौत के घाट उतार चुके हैं।
क्या कहते हैं एएसपी अभियान
एएसपी अभियान राजकुमार राज ने कहा कि नक्सलियों के संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। बंगलवा सहित अन्य इलाकों पर भी पुलिस की पैनी नजर है। पुलिस जवान नक्सलियों के मंसूबे को विफल कर देंगे।