भागलपुर में वायरल फीवर थमा तो अब निमोनिया ने दी दस्तक, जानें क्‍या कह रहे च‍िकित्‍सक

भागलपुर में वायरल फीवर थमा तो निमोनिया ने दस्तक दे दी है। एंफ्लूएंजा का वायरस हुआ कमजोर पीडि़तों की संख्या में आई कमी। अब 15 से 20 फीसद वायरल फीवर से हो रहे पीडि़त। स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग ने दावा किया है कि इलाज के ल‍िए हर प्रकार की सुविधा उपलब्‍ध है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 09:49 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 09:49 AM (IST)
भागलपुर में वायरल फीवर थमा तो अब निमोनिया ने दी दस्तक, जानें क्‍या कह रहे च‍िकित्‍सक
भागलपुर में बीमारियों को प्रकोप बढ़ता जा रहा हैै।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। इंफ्लूएंजा वायरस के कमजोर होते ही वायरल फीवर की रफ्तार में ब्रेक लग गया है। पहले जहां एक सौ मरीजों में 70-80 फीसद बच्चे या वयस्क वायरल फीवर से पीडि़त होते थे, वहीं अब 30 से 40 फीसद लोग ही इससे पीडि़त हो रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक मौसम परिवर्तन की वजह से वायरस कमजोर हुआ है। इससे मरीजों की संख्या में भी कमी आई है, लेकिन अभी भी लोगों को सतर्कता बरतने की जरुरत है। वहीं दो दिनों में इमरजेंसी के शिशु विभाग में 10 शिशुओं को भर्ती किया गया। इनमें सर्दी-खांसी के अलावा निमोनिया के भी मरीज शामिल हैं।

गत दो सप्ताह से ज्यादा दिनों तक अस्पताल और क्लीनिकों में वायरल फीवर से पीडि़त लोगों की संख्या बढ़ी थी। ज्यादातर बच्चे वायरस की चपेट में आ रहे थे, लेकिन पिछले चार दिनों से पीडि़तों की संख्या में कमी आई है। शुक्रवार और शनिवार को मायागंज अस्पताल आउटडोर के शिशु विभाग में 135 बच्चों का इलाज किया गया। इनमें 20 फीसद बच्चे ही वायरल फीवर से पीडि़त मिले। वहीं, आउटडोर मेडिसीन विभाग में दो दिनों में 427 मरीजों का इलाज किया गया। इनमें महिलाएं भी शामिल हैं। 20 फीसद मरीज वायरल फीवर के मिले।

शिशु विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. अंकुर प्रियदर्शी ने कहा कि पिछले चार दिनों में वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में कमी आई है। वजह है वायरस का कमजोर होना। मौसम परिवर्तन की वजह से पीडि़तों की संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा कि पहले एक सौ मरीजों में 70 और 80 फीसद मरीज वायरल फीवर के रहते थे, पर अब कम हुए हैं। जबकि अस्पताल और क्लीनिकों में वायरल फीवर से ग्रसित मरीजों की संख्या काफी बढ़ी हुई थी। सह प्राध्यापक डा. खलील अहमद ने कहा कि वायरल फीवर की एक लहर थी, जिसमें काफी कमी आई है। फिर भी अभी भी लोगों को सचेत रहने की जरुरत है।

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