अपनी अनूठी परंपरा से भागलपुर ने इस गांव ने कायम की मिसाल, गणतंत्र दिवस के परेड में भी मिला स्‍थान

भागलपुर जिले के इस गांव में लड़की के जन्म लेने पर लगाए जाते हैं दस फलदार पौधे दुनिया में इसकी बन चुकी है पहचान। मुख्यमंत्री 2010 से लेकर 2013 तक विश्व पर्यावरण दिवस पर कर चुके हैं पौधारोपण।

By Dilip Kumar shuklaEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 11:21 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 11:21 AM (IST)
अपनी अनूठी परंपरा से भागलपुर ने इस गांव ने कायम की मिसाल, गणतंत्र दिवस के परेड में भी मिला स्‍थान
गण्‍मंत्र दिवस के परेड में शामिल धरहरा गांव। इस अनूठी परंपरा को लेकर बनाई जा चुकी हैं कई डॉक्यूमेंट्री फिल्में।

भागलपुर [ललन राय]। नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड में बड़ी मकनपुर पंचायत का धरहरा गांव आज अपनी परंपरा को लेकर दुनिया में पहचान कायम किए हुए है। यहां की इस अनूठी परंपरा से प्रभावित होकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्ष 2010 से लेकर 2013 तक विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पौधारोपण कर चुके हैं। इस परंपरा को लेकर पूरी दुनिया में कई डॉक्यूमेंट्री फिल्में बनाई गई हैं। वर्ष 2012 में गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर राष्ट्रीय परेड में भी इस परंपरा को शामिल किया गया था।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस गांव में इस परंपरा को बेटियों की घटती संख्या एवं धरती पर कम होते पेड़ों को लेकर के चिंता जताते हुए कहा था कि यह भ्रूण हत्या का विरोध करने वाला गांव है, जहां पर बेटी और पौधे दोनों ही जननी हैं। इस परंपरा को लेकर के दुनिया तक पहुंचाना है, जिसके तहत पुरुष केवल पर महिलाओं की संख्या में भी वृद्धि होने की बात कही गया है।

दूसरे जिलों ने भी इस परंपरा को अपनाया

मकनपुर पंचायत अंतर्गत धरहरा गांव की परंपरा है कि यहां पर बेटी के जन्म पर 10 फलदार पौधे लगाए जाते हैं। इससे प्रभावित होकर धरहरा ही नहीं भागलपुर जिले के कई गांव समेत पूर्णिया, मधेपुरा, सहरसा, खगडिय़ा, बांका, पटना आदि जिलों के गांवों ने इस परंपरा को अपनाया है।

मुख्यमंत्री ने की थी सराहना

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा था कि भ्रूण हत्या एवं धरती पर धड़ल्ले से काटे जा रहे पेड़ों के कारण यहां की परंपरा पृथ्वी के लिए जरूरी है। इसलिए इस अनूठी परंपरा को दुनिया में स्थापित करना है। बिहार की ओर से 26 जनवरी के मौके पर पौधारोपण की इस परंपरा को राष्ट्रीय परेड में भी शामिल किया गया था।

पंचायत की विशेषता

धरहरा गांव में ऐतिहासिक ठाकुर बारी मंदिर है, जहां पर शिवालय व ठाकुर जी स्थापित हैं।

इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय एक

मध्य विद्यालय चार

प्राथमिक विद्यालय छह

स्वास्थ्य केंद्र दो

पशु स्वास्थ्य केंद्र एक

जनसंख्या  11000

मतदाता 7000

आंगनबाड़ी केंद्र 12 है

ग्रामीण बोले

यहां के कब्रिस्तान की घेराबंदी अगर हो जाती तो लोगों को काफी लाभ होता। साथ ही कुछ सड़कों का अधूरा निर्माण भी पड़ा है, जिसे पूरा करने की जरूरत है। - मो. अहिनदावा, ग्रामीण

यहां पर विद्यालय के समीप अतिक्रमण को लेकर के लोगों को सुबह में सेना में नौकरी के लिए दौडऩे वाले अभ्यर्थियों को परेशानी होती है। इसलिए विद्यालय के आसपास अतिक्रमण नहीं रहेगा तो लोगों को सुविधा होगी। - विकास कुमार सिंह, रिटायर्ड सैनिक

मुख्यमंत्री को एक बार पंचायत की इस अनूठी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए समाज और देश के सामने उदाहरण पेश करना चाहिए। यहां पर लगभग 8 सूत्री मांगों में मात्र कुछ ही मांगें अभी तक पूरा हो पाई हैं। बाकी अभी भी अधर में लटकी हुई हैं।

यहां पर इस गांव की परंपरा के साथ बिहार सरकार द्वारा चलाए गए जल जीवन हरियाली के तहत यहां पर फिर से एक बार मुख्यमंत्री आएं। साथ ही इस गांव यहां की हरियाली एवं परंपरा को बताकर फिर से एक बार दुनिया में नाम स्थापित करने का काम करें। - विजय सिंह, पूर्व मुखिया सह मुखिया प्रतिनिधि

यहां पर सुविधा अनुकूल बहुत सारा कार्य किया गया है, लेकिन 8 सूत्री मांगों में से कुछ ही कार्य पूरे हुए हैं। बाकी कार्य भी होने हैं। उन्होंने कहा कि हर खेत पानी योजना के तहत अगर खेतों तक नाला बन जाता तो किसानों को सरकारी बोरिंग से पानी सस्ता एवं सुलभ दरों पर मिल जाती जिससे खेती करने में हो रही परेशानी का समाधान हो जाता। - बिहारी सिंह, पूर्व सरपंच

इस पंचायत में एक तालाब है, जिसका जिर्णोद्धार किया जा सकता है। अगर सरकार इसे जल जीवन एवं हरियाली की योजना से जिर्णोद्धार किया जाए काफी फायदा होगा।

प्रमोद कुमार सिंह, उप सरपंच

chat bot
आपका साथी