गांव की महिलाएं हो रहीं डिजिटल साक्षर, बांका में बैंक सखी इस तरह दे रहीं प्रशिक्षण

बांका की महिलाएं अब डिजिटल साक्षर बन रहीं हैं। इसके लिए बैंक सखी गांव-गांव जाकर बैंकिंग सेवा की जानकारी दे रही हैं। अभी तक जिले में 52 बैंक सखी केंद्र की स्थापना की जा चुकी है। इससे ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रहीं है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 06:12 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 06:12 PM (IST)
गांव की महिलाएं हो रहीं डिजिटल साक्षर, बांका में बैंक सखी इस तरह दे रहीं प्रशिक्षण
बांका की महिलाएं अब डिजिटल साक्षर बन रहीं हैं।

संवाद सूत्र, बांका। जीविका द्वारा गांव की निरक्षर महिलाओं को बैंक सखी के माध्यम से डिजिटल सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। जिन महिलाओं को फोन तक चलाना नहीं आता था। इसके जरिए आज वे सभी कार्य आनलाइन कर रहीं है। ग्रामीण क्षेत्र की निरक्षर व वृद्ध महिलाओं को डिजिटल सुविधा से जोडऩे में बैंक सखी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अभी तक जिले में 52 बैंक सखी केंद्र की स्थापना की जा चुकी है। इससे ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर बन रहीं है।

जीविका के सूक्ष्म वित्त प्रबंधक राजेश कुमार पांडे ने बताया कि जिन महिलाओं को पहले स्मार्ट फोन चलाना भी नहीं आता था। वे आज बैंक सखी से जानकारी लेकर अपना बिजली बिल और मोबाइल रिचार्ज आदि फोन पर ही कर लेती है। इसके साथ ही जीविका बैंक सखी ग्राहक सेवा केंद्र की प्रभारी होने से महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जीविका द्वारा ग्राहक सेवा केंद्र खोलने का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर बैंकिग सेवा सुलभता से उपलब्ध करावाना, जीविका सामुदायिक संगठन, गाम संगठन व संकुल को पैसों की लेनदेने के लिए पंचायत स्तर पर सुविधाएं उपलब्ध करवाना है। ग्राहक सेवा केंद्र के खुलने से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को काफी मदद मिल रही है। पहले पैसे की निकासी के लिए दूर बैंक जाना पड़ता था। अब उन्हें पंचायत स्तर पर ही ग्राहक सेवा केंद्रों के माध्यम से बैंकिंग सुविधा मुहैया हो रही है।

बैंक सखी से आत्मनिर्भर हो रहीं महिलाएं

जीविका के प्रयोजना प्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि बैंक सखी के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है। केंद्र खोलने के लिए बैंक सखी को ऋण, ग्रांट मनी सहित अन्य आवश्यक राशि उपलब्ध करवाई जाती है। इसमें महिलाएं ही प्रभारी के रूप में कार्य करती है। अब तक 52 बैंक सखी केंद्र की स्थापना की जा चुकी है। अब ग्रामीण महिलाएं अपना आनलाइन बिजली बील, पेमेंट, मोबाइल रिचार्ज आदि बैंक सखी के माध्यम से करवा रही है। इससे ग्रामीण महिलाएं भी तकनीकी रूप से सक्षम हो रहीं है।

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