टीएमबीयू पहुंची विजिलेंस जांच की आंच, 13 बिंदुओं पर मांगा है जवाब, बढ़ेंगी मुश्किलें
TMBU Bhagalpur मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के यहां टीम ने की थी जांच। टीएमबीयू से 13 बिंदुओं पर मांगा है जवाब। जनवरी 2019 से अब तक परीक्षा और विश्वविद्यालय से संबंधित जो भी सामग्री खरीदी गई है। आनस्पाट की चयन सूची में त्रुटि।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। मगध विश्वविद्यालय, गया में कुलपति के आवास पर स्पेशल विजिलेंस की जांच के बाद पूरे बिहार के विश्वविद्यालयों में हड़कंप की स्थिति है। जांच की आंच अब तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) भी पहुंच गई है। स्पेशल विजिलेंस यूनिट, पटना के एसपी जेपी मिश्रा ने टीएमबीयू के कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव को पत्र लिखा है, जिसमें जनवरी 2019 से अब तक परीक्षा और विश्वविद्यालय से संबंधित जो भी सामग्री खरीदी गई है, उसकी जानकारी 24 दिसंबर तक मांगी है। विजिलेंस यूनिट ने टीएमबीयू से कुल 13 बिंदुओं पर जवाब मांगा है। परीक्षाओं में कितने छात्र शामिल हुए। कितनी ओएमआर शीट का उपयोग हुआ आदि बिंदुओं पर जवाब मांगा है।
बता दें कि टीएमबीयू ने प्री-पीएचडी की परीक्षा में ओएमआर शीट का प्रयोग किया था। विजिलेंस ने पूछा है कि भारी मात्रा में खरीदे गए किसी भी सामान के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई गई है। जिस सामान की खरीद हुई है, उसके लिए टेंडर हुआ था या नहीं ? किस प्रक्रिया के तहत टेंडर किया गया। यदि किसी टेंडर या सामग्री खरीद की प्रक्रिया पर किसी अधिकारी द्वारा आपत्ति की गई तो वह किस कारण की गई थी। साथ ही किसी मामले में फंड इधर से उधर किया गया। इसकी भी जानकारी देने को कहा है। पूछा है कि किस अधिकारी के आदेश से ऐसा किया गया है।
मामले में टीएमबीयू के कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव ने कहा कि टीएमबीयू से विजिलेंस द्वारा 13 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। यह जानकारी एक और विश्वविद्यालय में हो रही जांच के कारण ली जा रही है, ताकि दर का मिलान हो सके। जो मामले टीएमबीयू से जुड़े हैं, उसका जवाब भेजा जाएगा।
आनस्पाट की चयन सूची में त्रुटि, डीएसडब्ल्यू से शिकायत
टीएमबीयू में स्नातक सत्र 2021-24 में आनस्पाट नामांकन की प्रक्रिया आनलाइन शुरू हो गई है। चयनित छात्रों को मेल द्वारा सूचना भेजी जा रही है। शुल्क भुगतान के लिए विकल्प पोर्टल पर खोल दिया गया है। इसके बावजूद काफी संख्या में छात्र त्रुटि की शिकायत लेकर विवि पहुंच रहे हैं। छात्रों की शिकायत है कि ज्यादा अंक प्रतिशत होने के बाद भी उनका नाम सूची में नहीं आया है जबकि कम अंक प्रतिशत वालों का नाम सूची है।
कई ऐसे छात्र विश्वविद्यालय पहुंचे, जिन्हें सूचना मिली कि उनका चयन हो गया है, किंतु भुगतान के लिए विकल्प नहीं दिख रहा। ऐसे छात्रों को डीएसडब्लयू ने यूएमआइएस की एजेंसी के हेल्प डेस्क पर भेजा। आश्वासन दिया गया कि जिन लोगों की मांग जायज है, उनका त्रुटि सुधार कर दिया जाएगा।