सिल्क सिटी में धूमधाम से हुई वट सावित्री की पूजा, सोलह शृंगार कर महिलाओं ने वट वृक्ष में बांधी रिश्तों की डोर

भागलपुर में सुहागिनों ने गुरुवार को वट सावित्री पर्व गुरुवार को धूमधाम से मनाया। वृक्ष की पूजा-अर्चना की। धागे बांधे गले लगाया और पंखा झेलकर पति की लंबी उम्र की कामना की। बरगद के पौधे लगाकर आधी आबादी ने उसके संरक्षण का भी संकल्प लिया।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 09:57 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 09:57 PM (IST)
सिल्क सिटी में धूमधाम से हुई वट सावित्री की पूजा, सोलह शृंगार कर महिलाओं ने वट वृक्ष में बांधी रिश्तों की डोर
भागलपुर में सुहागिनों ने गुरुवार को वट सावित्री पर्व गुरुवार को धूमधाम से मनाया।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सुहागिन महिलाओं ने गुरुवार को सोलह शृंगार कर वट वृक्ष में रिश्तों की डोर बांध अखंड सुहाग की कामना की। महिलाओं को पंखा झेला और पति के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। साथ ही महिलाओं ने दैनिक जागरण के अभियान 'वट से बांधें सांसों की डोरÓ में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और बरगद के पौधे लगाकर प्रकृति की रक्षा का संकल्प लिया।

शहर मेें सुहागिनों ने गुरुवार को वट सावित्री पर्व गुरुवार को धूमधाम से मनाया। वृक्ष की पूजा-अर्चना की। धागे बांधे, गले लगाया और पंखा झेलकर पति की लंबी उम्र की कामना की। सुबह सात बजे से ही शहर के कैंप जेल गेट, कचहरी चौक, तिलकामांझी, भीखनपुर, कंपनी बाग, आदमपुर सहित शहर के अन्य इलाकों में वट वृक्ष के नीचे पूजा करने के लिए महिलाओं की भीड़ बढऩे लगी थी। महिलाओं ने वट वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना की और फल और फूल भी चढ़ाए। इस दौरान नव विवाहित जोड़ों का उत्साह देखते ही बन रहा था। बड़ी संख्या में नव विवाहित जोड़े अपने परिजनों के साथ वट वृक्ष की पूजा करने पहुंचे थे। घर से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाओं ने घर के अंदर ही वट वृक्ष का पौधा लगाकर पूजा-अर्चना की।

बरगद का पौधा लगाकर लिया संरक्षण का संकल्प

दैनिक जागरण के अभियान 'वट से बांधें सांसों की डोरÓ के कारण वट सावित्री पूजा इस बार खास रही। वट सावित्री पूजा के दौरान काफी संख्या में महिलाओं ने बरगद के पौधे लगाए और उनके संरक्षण का संकल्प लिया। दर्जनों महिलाओं ने खुद के लगाए बरगद के पौधों की पूजा की। वट वृक्ष की पूजा कर महिलाओं ने जहां पर्व की धार्मिक मान्यता को कायम रखा, वहीं पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया। इस मौके पर जिले भर में सैकड़ों बरगद के पौधे लगाए गए। बरगद के पौधे लगाने वाली महिलाओं में श्वेता सिंह, बबीता मिश्रा, कुंदन कुमारी, नागमणि मिश्रा, रूपा साहा, वंदना सिंह और ऊषा मंडल समेत कई महिलाएं शामिल थीं।

आक्सीजन की किल्लत ने लोगों को वृक्षों का महत्व बता दिया

इस साल कोरोना महामारी के दौरान आक्सीजन की किल्लत को देखते हुए लोगों को वृक्षों का महत्व समझ में आ गया है। इस कारण बड़ी संख्या में महिलाओं ने दैनिक जागरण के अभियान से जुड़कर पौधारोपण किया। घर के आसपास बरगद का पेड़ नहीं रहने के कारण महिलाओं को पूजा-अर्चना करने के लिए काफी दूर जाना पड़ता था, लेकिन अगले साल से महिलाओं को यह परेशानी नहीं होगी। कहलगांव, नवगछिया सहित अन्य प्रखंडों में भी महिलाओं बरगद के पौधे लगाए।

कभी वट वृक्ष का शहर था भागलपुर

भागलपुर वट वृक्ष का शहर रहा है। इस शहर में सैकड़ों पेड़ थे। बरगद के पेड़ों की लगातार हो रही कटाई और नए पेड़ नहीं लगाए जाने से शहर में इसकी संख्या कम हो गई है। कई डेढ़-दो सौ साल पुराने बरगद के पेड़ के आंधी-तूफान में गिरने से अस्तित्व समाप्त हो गया है। ऐसे में महिलाओं को वट वृक्ष की पूजा के लिए दूर जाना पड़ रहा है। हालांकि शहर में कई ऐसे वट वृक्ष अभी भी हैं, जहां चार से पांच पीढिय़ां पूजा कर रही हैं।

अभियान को लिया हाथोंहाथ

पर्यावरण के लिए बरगद का पेड़ इसलिए महत्वपूर्ण है कि यह विशाल होता है और इससे ऑक्सीजन के उत्सर्जन के साथ यह कार्बन डाई ऑक्साइड को सबसे ज्यादा अवशोषित करता है। वट सावित्री पूजा के दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। इस कारण महिलाओं ने दैनिक जागरण के अभियान को हाथोंहाथ लिया। काफी संख्या में महिलाएं दैनिक जागरण के अभियान में शामिल हुईं। इस मौके पर महिलाओं ने कहा कि आने वाले दिनों में जब ये पौधे पेड़ बन जाएंगे तो यहां भी पूजा के लिए सुहागनों की भीड़ जुटेगी।

सुहाग की सलामती के लिए वट सावित्री की पूजा की जाती है। सुहागिन महिलाएं बरगद के पेड़ में धागा बांधकर सुख शांति की कामना करती हैं। जागरण का अभियान सराहनीय है।

चंदा देवी

घर पर ही बरगद का पौधा लगा रखी हूं। इसकी हर दिन पूजा करती हूं। इस बार भी बरगद का पौधा लगाया है। यह पूजा के साथ ऑक्सीजन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।

पूजा

यह दिन सुहगिनों के लिए विशेष होता है। पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री की पूजा हर वर्ष करती रही हूं। इस बार घर पर ही बरगद का पौधा लगाया है।

मौसमी

खुद बरगद का पेड़ लगाई हूं और दूसरे को भी इसका पौधा लगाने के लिए प्रेरित कर रही हूं। इस व्रत को लेकर घर पर काफी उत्साह है। वर्ष भर इस पर्व का इंतजार रहता है।

कौशकी

मां और रिश्तेदारों के यहां वट वृक्ष की पूजा होती है। महिलाएं सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनती हैं। हमने भी बरगद का पौधा लगाया है।

प्रेरणा

घर पर व्रत करते देखा तो हमने भी शुरू कर दिया। बरगद में भगवान वास करते हैं, इससे शुद्ध हवा मिलती है। इसलिए सभी को बरगद का पौधा लगाना चाहिए।

रीना

हर महिला को वट सावित्री पूजा के दिन बरगद का पेड़ लगाना चाहिए। यह पेड़ हर मायने में फायदेमंद है। यह पूजा के लिए ही नहीं, बल्कि ऑक्सीजन भी देता है।

अर्पणा

हर किसी को पूजा के दिन एक-एक पौधे लगाकर इसके संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। बरगद का पौधा काफी लाभदायक है। यह मानव जीवन के लिए काफी उपयोगी है।

उषा रंजन

महिलाएं अपने सुहाग की रक्षा के लिए वट सावित्री के दिन बरगद की पूजा करती हैं। इसलिए महिलाओं को बरगद का पेड़ लगाना चाहिए। इससे एक पंथ दो काज होगा।

ब्यूटी

महिलाएं पूरी श्रद्धा से वट वृक्ष की पूजा करती हैं। घर में पेड़ लगाने से महिलाओं को दूर जाकर पूजा नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही ऑक्सीजन भी मिलेगी।

अर्पणा  

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