Unique wedding jamui: जहां मंत्र की जगह पढ़ी गई संविधान की प्रस्तावना, समाज को दिखाया आइना

Unique wedding jamui बिहार के जमुई में एक शादी समारोह में मंत्र की जगह संविधान की प्रस्तावना पढ़ी गई। बिना दहेज की शादी हुई। इस समारोह में कई लोग साक्षी हुए। समाज को वर-वधु ने आइना दिखाया। इस शादी की हर ओर चर्चा हो रही है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:18 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:18 AM (IST)
Unique wedding jamui: जहां मंत्र की जगह पढ़ी गई संविधान की प्रस्तावना, समाज को दिखाया आइना
जमुई में संविधान की प्रस्‍तावना पढ़कर हुई शादी।

संवाद सूत्र, अलीगंज (जमुई)। Unique wedding jamui: ऐसे तो प्रेम विवाह और दहेज मुक्त या बड़े-बड़े स्टार होटलों में भव्य समारोह के साथ बार बालाओ के डांस व डीजे की धुन व करकस आवाज व बारात की लंबी-लंबी काफिला के साथ शादी करने की बात सुने होंगे।  लेकिन बिहार के जमुई में एक अद्भुत शादी देखने को मिला। यहां एक शादी समारोह में मंत्र की जगह संविधान की प्रस्‍तावना को पढ़ा गया। इस शादी की हरेक ओर चर्चा हो रही है। बिना दहेज लिए हुए इस शादी से वर-वधु और उनके स्‍वजनों ने समाज को आइना दिखाया।

जमुई के अलीगंज प्रखंड के अलीगंज बाजार में बिल्कुल अलग हटकर शादी रचाई गई। अलीगंज के ही पंचदेव विश्वकर्मा के पुत्र चंद्रदेव विश्वकर्मा और वैशाली जिले के सिरसाराम राय (लालगंज) गांव के डाॅ. राजेन्द्र शर्मा की पुत्री प्रिया शर्मा के साथ बिना दहेज के संविधान की प्रस्तावना पढ़कर विधिवत शादी रचाई। इसके अलावा शपथ पत्र पर वर-वधु के साथ दोनों पक्षों के स्वजनों ने संकल्प लेकर अपना-अपना हस्ताक्षर बनाया। फ‍िर शादी की। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन का भी पूरी तरह से पालन किया गया।

लड़का के पिता पंचदेव विश्वकर्मा ने बताया कि अपने पुत्र को दहेज मुक्त शादी कर बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब ने जो हम लोगों को आवाज देने का काम किया है आज हम लोगों को उनके द्वारा बताए गए रास्ते पर अपने जीवन में उतारने और संवारने की जरूरत है। तभी बाबा साहब का सपना साकार हो सकता है। बता दें कि इस शादी समारोह की चर्चा वर पक्ष व वधु पक्ष इलाके में जोरों पर की जा रही है। शादी में दूल्हे के फूफा ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाया जिसको वर व वधु ने भी पढ़कर संकल्प लेते हुए बाबा साहब के चित्र के समक्ष परिणय सूत्र में बंधे। इस समारोह की हरेक ओर चर्चा हो रही है। इस दहेज प्रथा पर करारा चोट हुआ।

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