जूता कंपनी में हेल्पर की नौकरी को लाइन में लगे थे स्नातक छात्र

भागलपुर। लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी और भी बढ़ गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकत

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 05:48 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 05:48 PM (IST)
जूता कंपनी में हेल्पर की नौकरी को लाइन में लगे थे स्नातक छात्र
जूता कंपनी में हेल्पर की नौकरी को लाइन में लगे थे स्नातक छात्र

भागलपुर। लॉकडाउन के बाद बेरोजगारी और भी बढ़ गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जूता कंपनी में हेल्पर की नौकरी पाने के लिए स्नातक छात्र सुबह से शाम तक लाइन में लगे रहे। 25 अभ्यर्थियों को नौकरी मिली।

श्रम संसाधन विभाग, अवर प्रादेशिक नियोजन कार्यालय परिसर में सोमवार को नियोजन मेला लगा था। तमिलनाडु प्रदेश के कोयंबटूर की एक जूता कंपनी में हेल्पर की नौकरी के लिए स्नातक पास छात्र भी लाइन में लगे थे। दो सौ युवाओं को कंपनी में नौकरी देने का लक्ष्य रखा था, लेकिन सिर्फ 25 अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ।

नियोजन मेले में पहुंचे राकेश कुमार (भूलनी), विकास कुमार, कुशल ठाकुर (पीरपैंती), मधुसूदन मंडल (खैरपुर), निवास कुमार (कहलगांव), मनीष कुमार (मिरजानहाट), राकेश कुमार शर्मा (मोहद्दीनगर), अनिल कुमार दास (इस्माइलपुर), अंकित कुमार वरुण (सबौर), मुकेश कुमार दास, रवि कुमार (जमनी), रूपेश कुमार (नवगछिया), रंजन राज (इशाकचक), अमलेश कुमार, राकेश कुमार, जितेंद्र कुमार, टिंकू कुमार (नाथनगर भतौड़िया), संतोष कुमार गोस्वामी (हरिदासपुर), मोनू यादव (गोराडीह) सहित कई स्नातक पास अभ्यर्थियों ने कहा कि रोजगार के साधन नहीं होने के कारण जूता कंपनी में नौकरी के लिए सुबह साढ़े नौ बजे से ही लाइन में लगे हुए हैं। हालांकि हेल्पर की नौकरी के लिए साक्षर होना भी जरूरी नहीं है, लेकिन बेरोजगारी के इस दौर में कोई भी नौकरी मिल जाए तो अच्छा है। स्नातक पास ही नहीं, बल्कि सजौर के रंजीत कुमार साह सहित कई आइटीआइ और डिप्लोमा छात्र भी हेल्पर की नौकरी के लिए मेले में पहुंचे थे।

कंपनी के एचआर हेड उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद निवासी शोभित श्रीवास्तव ने कहा कि सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक साक्षात्कार लिया गया, लेकिन इस दौरान कई युवा वापस लौट गए। 90 अभ्यर्थियों ने ही आवेदन किया। इनमें साक्षात्कार के आधार पर 25 लोगों का चयन हुआ। चयनित सभी अभ्यर्थियों को फरवरी के प्रथम सप्ताह में कोयंबटूर बुलाया गया है। आने-जाने का किराया कंपनी देगी। उन्हें 10,800 रुपये प्रतिमाह वेतन के अलावा मुफ्त आवास भी मिलेगा।

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