शेखर जी अर्थात हंसता हुआ स्वयंसेवक, भागलपुर के RSS कार्यकर्ताओं ने दी श्रद्धांजलि
भागलपुर के ईश्वरनगर उपनगर के स्वयंसेवक शेखर जी के निधन पर आरएसएस कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांंजलि सभा आयोजित की। इस अवसर पर लोगों ने कहा कि हमेशा हंसने वाला स्वयंसेवक आज हम सबको छोड़कर चला गया। इस असहनीय है। ईश्वर उनके आत्मा का सद्गगति प्रदान करे।
आनलाइन डेस्क, भागलपुर। भागलपुर के ईश्वरगर उपनगर के ईश्वरनगर तरुण व्यवसायी शाखा के स्वयंसेवक शेखर जी का 10 सितंबर 2021 शुक्रवार को निधन हो गया। वे काफी दिनों से बीमार थे। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल मायागंज भागलपुर में उन्होंने रात्रि साढ़े 11 बजे आखिरी सांस ली। इस दुखद सूचना के बाद स्वयंसेवकों में शोक की लहर है।
भागलपुर के ईश्वरनगर में स्वयंसेवकों ने एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित की गई। सुधा विवाह भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में नगर कार्यवाह श्रीधर मिश्र, ईश्वरगनर उपनगर कार्यवाह चंद्रशेखर प्रसाद, भागलपुर जिला बौदि्धक शिक्षक प्रमुख हरविंद नारायण भारती सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम में मिथिलेश यादव, प्यारे हिंद, गोपी कृष्ण वर्मा, अमित कुमार, लखन लाल झा, दीनदयाल भारती, रोहित, आनंद, आर्यन, संजय भारती, राजीव, दिलीप आदि शामिल थे।
श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कहा कि शेखर जी हमेशा हंसते रहते थे। मन, वचन और कर्म में उनकी सादगी थी। कभी भी विवादों से उनका नाता नहीं रहा।
हरविंंद नारायण भारती ने कहा कि शेखर जी बाल्यकाल से स्वयंसेवक थे। प्रारंभिक काल में उन्होंने खूब कार्य किया। वे शाखा से जुड़े रहे। स्वयंसेवकों पर आने वाले संकट के समय वे हमेशा खड़े रहते थे। उनकी कृति ही उनकी पहचान थी। अपने पर गुजरने वाले किसी भी संकट को वे किसी से साझा नहीं करते। परेशान रहने के बावजूद हमेशा हंसते थे। एक हंसता हुआ स्वयंसेवक को हमने खो दिया।
श्रीधर मिश्र ने कहा कि वे शारीरिक विषयों के अच्छे जानकार थे। नि:युद्ध आदि का कुशलता से संचालन करते थे। कहा कि-उनके कारण वे भी संघ से जुड़े थे। शाखा आने से लिए उन्होंने ही प्रेरित किया था। प्यारे हिंद ने कहा कि सादगी भरा जीवन का था उनका। आज तक किसी भी शिकायत और निंदा करते उन्हें नहीं सुना गया।
मिथिलेश यादव ने कहा कि जहां भी उन्होंने रोजगार के लिए कार्य किया वे उनका दिल जीत लिए। घर के सदस्य के रूप में उन्होंने नौकरी थी। संकट के समय भी अपने दुख को किसी से नहीं बताया। श्रद्धांजलि सभा में उनके चित्र पर सभी ने पुष्प चढ़ाए। कार्यक्रम के समाप्ति के बाद प्रार्थना 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे' किया गया।
इसके बाद सभी स्वयंसेवक दिवंगत शेखर जी घर गए। शेखर जी के स्वजनों को उनका चित्र सौंंपा। शोक संतप्त स्वजनों को हिम्मत दी। शेखर जी के निधन से उनकी पत्नी, एक पुत्र रोशन, भाई, पिता और मां सदमे में हैं। लगभग 45 वर्ष के उम्र में उनका निधन हो गया।