खराब वार्मर में रख बच्चों का हो रहा इलाज

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल के इमरजेंसी शिशु विभाग में बेड खाली नहीं होने से एक ही बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है वहीं खराब वार्मर में भी रखकर बच्चों का इलाज किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 10:02 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 10:02 AM (IST)
खराब वार्मर में रख बच्चों का हो रहा इलाज
खराब वार्मर में रख बच्चों का हो रहा इलाज

भागलपुर। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज अस्पताल के इमरजेंसी शिशु विभाग में बेड खाली नहीं होने से जहां एक बेड पर दो-दों बच्चों को रखा गया है, वहीं खराब वार्मर में भी नवजात को रखकर इलाज किया जा रहा है। अभी भी वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की संख्या में कमी नहीं आई है।

आउटडोर विभाग में सोमवार को भी अन्य बीमारियों से पीड़ितों का इलाज किया गया। इनमें 62 बच्चे वायरल फीवर के मिले। वहीं 24 घंटे में वायरल फीवर से पीड़ित 15 बच्चों को भर्ती किया गया। अस्पताल के इमरजेंसी में सोमवार को बीमार बच्चों को रखने के लिए बेड नहीं थे। सभी बेड पर बच्चों को रखा गया था। एक बेड पर दो-दो बच्चों को भर्ती किया गया था। इसके अलावा बेड की कमी की वजह से दो नवजातों को बंद वार्मर में रखकर इलाज किया जा रहा है। इमरजेंसी का वार्मर खराब है। जब तक दूसरा वार्मर नहीं आ जाता तब तक नवजात के लिए बेड की तरह उपयोग किया जा रहा है। बच्चों की हालत में सुधार होने पर करीब एक बजे से उन्हें इंडोर शिशु विभाग में शिफ्ट किया जाने लगा, ताकि गंभीर रूप से बीमार बच्चों को इमरजेंसी में भर्ती किया जा सके।

24 घंटे में 15 बच्चे भर्ती

शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डा. केके सिन्हा ने कहा कि 24 घंटे में विभाग में वायरल फीवर से पीड़ित 15 बच्चों को भर्ती किया गया। इसकी रिपोर्ट भी अधीक्षक को भेजी जा रही है। उन्होंने कहा कि वायरल वार्ड भी बनाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

इमरजेंसी में छह वार्मर हैं। उन्हें बदलने के लिए अधीक्षक को पत्र लिखा गया है। विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि एमसीएच वार्ड में रखे वार्मर को इमरजेंसी में रखा जाएगा, ताकि नवजात का इलाज हो सके। चूंकि एमसीएच वार्ड को कोरोना वार्ड बनाया गया है। साथ ही एहतियात तौर पर अगर भविष्य में फिर कोरोना मरीज बढ़ते हैं तो एमसीएच वार्ड में ही उन्हें भर्ती किया जाएगा। हालांकि अभी कोरोना मरीज नहीं हैं।

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