लाल गलियारे से लूट रहा खजाना, चकाई में हो रही है अबरख का अवैध खनन, बिहार और झारखंड के माफिया हैं सक्रिय
जमुई के लाल गलियारे में अबरख का लगातार अवैध खनन हो रहा है। यहां बिहार के अलावा झारखंड के भी अबरख माफिया सक्रिय हैं। लेकिन इसके बाद भी इस पर प्रशासन का नजर नहीं है। इससे करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
चंद्रमंडी(जमुई) [अमित कुमार राय]। जमुई में खजाना लूट रहा है और जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं है। उन्नत किस्म के अबरख खादान के लिए प्रसिद्ध झारखंड के कोडरमा की तरह चकाई के जंगलों में भी अबरख का भंडार है। इस भंडार पर माफिया की काली नजर लगी है और अवैध उत्खनन कर खजाने को लूटा जा रहा है। नतीजतन सरकार को लाखों के राजस्व का चूना लग रहा है। यहां के हरनी, बेलखरी, केचुवा, दोमुहान, बरमसिया, कुडवा पहाड़ी सहित अन्य इलाकों से स्थानीय लोगों एवं माफिया की मिलीभगत से अबरख की अवैध खोदाई कर तस्करी की जा रही है। कहा तो यह भी जाता है कि काली कमाई में नक्सली गतिविधियों से जुड़े लोग भी हिस्सेदार हैं। यही वजह है कि यह धंधा यहां लंबे अरसे से बेहद गुप्त तरीके से जारी है।
झारखंड के कई बड़े माफिया इस अवैध धंधे से जुड़े हुए हैं। वे इलाके के भोले-भाले आदिवासी मजदूरों को बरगला कर जंगली इलाके से उत्कृष्ट गुणवत्ता युक्त इस खनिज की अवैध खोदाई करा कर ऊंची कीमतों पर उन्हें बाहर बेच रहे हैं। खोदाई से पेड़ों की भी बर्बादी हो रही है। जानकारी के अनुसार अवैध खोदाई में स्थानीय आदिवासी मजदूरों को लगाया जाता है। यह मजदूर कठिन परिश्रम और मेहनत से अबरख की खोदाई करते हैं। तदुपरांत उसे स्थानीय मेठ दस रुपये किलो खरीद कर तस्करों को दी जाती है। बदले में मेठ को चार हजार रुपया प्रति ट्रैक्टर भुगतान किया जाता है। फिर उसे ट्रैक्टर और ट्रक में भरकर जंगली और मुख्य रास्ते से झारखंड के गिरिडीह, कोडरमा, तीसरी, हजारीबाग के इलाके में ले जाकर ऊंची कीमतों में बेचा जाता है।
जानकार बताते हैं कि इस इलाके मेें सैंकड़ों एकड़ जमीन में अबरख का विशाल भंडार है। इधर, खनन विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि जिस इलाके में खोदाई होती है वह वन क्षेत्र है। वन विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि उन लोगों के पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। सूचना मिली है तो इसकी जांच-पड़ताल कराई जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध खनन से पेड़-पौधे को काफी नुकसान है।बहरहाल सफेद खनिज से काली कमाई में स्थानीय स्तर के अधिकारियों व कर्मियों की भी हिस्सेदारी से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ऐसी कोई जानकारी नहीं है। वन क्षेत्र में कार्रवाई का अधिकार वन विभाग को है। खनन विभाग चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता है। - अनिल कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, जमुई।
ऐसी सूचना नहीं है। सूचना मिली है तो इसकी जांच कराई जाएगी। जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। वन क्षेत्र में किसी प्रकार का अवैध खनन नहीं होने दिया जाएगा।
- पीयूष बरनवाल, डीएफओ, जमुई।