भागलपुर नगर निगम: फर्जी एमआर पर ट्रेड लाइसेंस का धड़ल्ले से हुआ नवीनीकरण, जांच ने इस तरह पकड़ी गई चोरी
भागलपुर नगर निगम में फर्जी ट्रेड लाइसेंस जारी करने का मामला गरमा जा रहा है। जांच के दौरान पता चला है कि फर्जी एमआर पर ट्रेड लाइसेंस का धड़ल्ले से नवीनीकरण किया गया। इसके बाद की जांच में और भी...
जागरण संवाददाता, भागलपुर। नगर निगम में फर्जी ट्रेड लाइसेंस जारी करने के मामले की जांच रिपोर्ट एडीएम ने जिलाधिकारी को सौंप दी है। अब नगर आयुक्त को दोषी कर्मियों पर कानूनी कार्रवाई करने के आदेश का इंतजार है। नगर निगम में वित्तीय अनियमितता से संबंधित परिवाद पत्र का जिला स्तरीय टीम ने गहन जांच की है।
फर्जी तरीके से ट्रेड लाइसेंस निर्गत करने की जांच के लिए नगर निगम ने ट्रेड लाइसेंस शाखा प्रभारी द्वारा आनलाइन ट्रेड लाइसेंस की एक्सलशीट हार्ड कापी व रजिस्टर आदि उपलब्ध कराया गया। वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2021 तक 5902 में से 4939 ट्रेड लाइसेंस आनलाइन माध्यम से पंजी में दर्ज किया गया था, लेकिन 583350 रुपये की ट्रेड लाइसेंस शुल्क शाखा प्रभारी द्वारा निगम के कोष में जमा नहीं की गई।
उक्त अवधि में 830 ऐसे ट्रेड लाइसेंस निर्गत किए गए, जिसमें 1831450 रुपये शुल्क जमा किए गए थे। उक्त सभी ट्रेड लाइसेंस न तो पंजी में संधारित थे और न ही उनके शुल्क जमा किए गए। वित्तीय वर्ष 2021-22 में नवीनीकरण हेतु प्राप्त 113 में से 51 ट्रेड लाइसेंस की वसूली गई शुल्क दूसरे आवेदक के नाम से दर्ज पाया गया। 62 ट्रेड लाइसेंस का वसूला गया शुल्क टीएल पंजी में दर्ज नहीं है।
उक्त आवेदनों में बिना शुल्क प्राप्ति किए फर्जी एमआर दिखाते हुए नवीनीकरण पूर्व में किया गया है। संबंधित आवेदनों में वित्तीय वर्ष 2020-21 का 3,32,800 रुपये शुल्क होता है। इस राशि को भी नगर निगम के कोष में जमा नहीं किया गया है। इस अवधि में 27,47,600 रुपये का ट्रेड लाइसेंस शुल्क निगम के कोष में जमा नहीं किया गया है।
मजदूरों को भुगतान मामले में निगम का सहयोग नहीं
नगर निगम में फर्जी तरीके से सफाई मजदूरों को भुगतान मामले की भी जिला स्तरीय टीम ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन इसमें नगर निगम का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए निगम द्वारा द्वारा पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं, जबकि नगर निगम के खाते से ऐसे व्यक्तियों को वेतन का भुगतान किया गया जो नगर निगम के कर्मचारी नहीं हैं।
मेयर द्वारा नगर पालिका अधिनियम के विरुद्ध जाकर अपने पति को आर्थिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से मां बागेश्वरी के नाम पर अनंत कुमार साह उर्फ टुनटुन साह के खाते में निगम द्वारा करीब 18 लाख की राशि का भुगतान कर दिया। इससे संबंधित साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए 23 सितंबर और 18 अक्टूबर को जांच समिति के अध्यक्ष सह-अपर समाहर्ता और समिति के सदस्य सह प्रभारी पदाधिकारी जिला राजस्व शाख द्वारा नगर आयुक्त को दूरभाष से संपर्क किया गया।
इस दौरान दस्तावेज एवं कागजात की मांग की गई। इस मामले को लेकर संपूर्ण कागजात उपलब्ध नहीं कराए गए, जिससे जांच प्रभावित हो रहा है। अब समिति संदेश के आधार पर स्वास्थ्य शाखा व जलकल शाखा में मोटी रकम लेकर अवैध बहाली की जांच कर रही है। नगर निगम के प्रत्येक विभाग द्वारा बिना स्थायी समिति एवं सामान्य बोर्ड से बिना पास कराए कर्मचारी को रखने की जांच होगी। बिना सामान्य बोर्ड एवं सफाई समिति के अनुमति के आंतरिक संसाधन से संबंधित राशि के दुरुपयोग किया जा रहा है। इसकी भी समिति अब गहन पड़ताल करेगी।