TMBU:नए असिस्टेंट प्रोफेसर के पीएचडी गाइड बनने का रास्ता साफ, पैट-2020 के लिए 10 दिनों के भीतर जारी होगी तिथि

भागलपुर विवि में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के पीएचडी गाइड बनने का रास्ता साफ हो गया है। काउंसिल में निर्णय हुआ कि 2016 रेगुलेशन के अनुसार जो असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी प्रोबेशन अवधि को पूरी कर चुके हैं। वे पीएचडी के लिए गाइड बन सकते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 09:34 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 09:34 PM (IST)
TMBU:नए असिस्टेंट प्रोफेसर के पीएचडी गाइड बनने का रास्ता साफ, पैट-2020 के लिए 10 दिनों के भीतर जारी होगी तिथि
भागलपुर विवि में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के पीएचडी गाइड बनने का रास्ता साफ हो गया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के पीएचडी गाइड बनने का रास्ता साफ हो गया है। गुरूवार का कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई पीजी रिसर्च काउंसिल (पीजीआरसी) की बैठक में यह निर्णय लिया गया। काउंसिल में निर्णय हुआ कि 2016 रेगुलेशन के अनुसार जो असिस्टेंट प्रोफेसर अपनी प्रोबेशन अवधि को पूरी कर चुके हैं। वे पीएचडी के लिए गाइड बन सकते हैं।

बैठक में पैट-2021 पर विस्तार से चर्चा हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि पीजी विभागों में खाली सीटों की गणना सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह करेंगे। उन्हें 10 दिनों भीतर सभी विभागों से खाली सीटों का ब्यौरा मंगाकर परीक्षा की तिथि जारी की जाएगी। पैट-2017 के उत्तीर्ण ऐसे छात्रों के पीएचडी नामांकन पर भी चर्चा हुई जिन्होंने तीन साल की अवधि पूरी कर ली है। निर्णय लिया गया कि जो छात्र मैथडोलॉजी कर चुके हैं उनको इसका लाभ दिया जा सकता है। जबकि जिनकी केवल पैट कर तीन साल की अवधि पूर्ण करने वालों का पंजीयन नहीं होगा।

कुलपति ने बैठक में कहा है कि शोध पर छात्रों का रूझान बढ़ाने की जरूरी है। इसके लिए शिक्षकों को अनुदान दिलाने का प्रयास होगा। जिसमें विज्ञान और कला विषयों के लिए अलग-अलग अनुदान की राशि हो। विषय के टॉपर छात्रों को विश्वविद्यालय द्वारा अपने स्तर से दो साल के लिए स्कॉलरशिप दिया जाना चाहिए। इस लेकर सभी सदस्यों ने अपनी सहमति दी। निर्णय लिया गया कि जिन शिक्षकों ने नेट, जेआरएफ करके आए हैं, वे केवल कोर्स वर्क करके पीएचडी में अपना नामांकन करा सकते हैं। उन्हें इसके लिए पैट परीक्षा की बाध्यता नहीं होगी।

काउंसिल की बैठक में तय हुआ कि सभी शोध प्रस्ताव का संबंधित संकाय अध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं विभाग के वरीय शिक्षक जांच करेंगे। इसके बाद उसे परीक्षा नियंत्रक को उपलब्ध कराया जाएगा। इस लेकर शुक्रवार को सिंडिकेट हॉल में 11.00 बजे से 1.00 बजे तक सामाजिक विज्ञान, 3.00 बजे से 4.00 बजे तक विज्ञान और वाणिज्य एवं 2.00 बजे से 3.00 बजे मानविकी के विषयों में आए शोध प्रस्ताव की जांच होगी। कुलपति ने निर्देश दिया कि आगे से जिस भाषा में जिनकी शोध अपेक्षित है उसी भाषा में शोध प्रबंध भी जमा करनी है।

बैठक में कुलपति के अलावा प्रति-कुलपति प्रो. रमेश कुमार, कुलसचिव डॉ. निरंजन प्रसाद यादव, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अरुण कुमार सिंह, सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह के अलावा सभी संकायध्यक्ष, विभागाध्यक्ष एवं वरीय शिक्षक उपस्थित थे। यह जानकारी पीआरओ डॉ. रविशंकर चौधरी ने दी है।  

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