TMBU : 2017 में पैट इंटरव्यू पास छात्रों के मामले में दशहरा के बाद होगा निर्णय

TMBU 2017 में प्री-पीएचडी परीक्षा पास कर चुके छात्र तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के अधिकारियों का घेराव कर अपनी मांगे रखी हैं। उनकी मांग है कि पैट इंटरव्यू-2019 में अनुमति दी जाय। मामले को कुलपति के पास रखा गया है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:16 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 06:16 AM (IST)
TMBU : 2017 में पैट इंटरव्यू पास छात्रों के मामले में दशहरा के बाद होगा निर्णय
तिमांविवि के पीजी विभागों में पैट इंटरव्यू की प्रक्रिया खत्म हो गई है।

भागलपुर, जेएनएन। TMBU : 2017 में प्री-पीएचडी परीक्षा पास कर चुके छात्र पैट इंटरव्यू-2019 में अनुमति दिए जाने की मांग की है। उन लोगों ने इस लेकर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के अधिकारियों का घेराव कर अपनी मांगे रखी हैं। पैट-2017 में पास छात्रों को रिसर्च मैथडोलॉजी में नामांकन की मांग कर रहे हैं।

सीसीडीसी डॉ. केएम सिंह ने इस संबंध में छात्रों को कहा है कि उनके मामले को कुलपति के पास रखा गया है। अब दशहरा के बाद पीजी रिसर्च कमेटी की बैठक में इस मामले को ले जाने का निर्देश दिया गया है। छात्रों ने कुछ दिनों पूर्व समन्वय समिति के समन्वयक के सामने भी विरोध प्रदर्शन किया था।

छात्रों का आरोप है कि राजभवन से 21 सितंबर 2017 को एक आदेश आया कि प्री-पीएचडी पास करने वाले छात्रों को मैथोलोजी में नामांकन के लिए तीन साल का समय मिलेगा। इस निर्देश के ठीक पूर्व 17 जुलाई 2017 को टीएमबीयू ने एक बैठक कर निर्णय ले लिया कि प्री-पीएचडी पास करने वाले छात्रों को नामांकन के लिए एक ही साल का मौका मिलेगा। इस लेकर काफी संख्या में छात्र पैट इंटरव्यू से वंचित रह गए हैं। इसमें राजनीति विज्ञान समेत अन्य विषयों के छात्र हैं।

बता दें कि सभी पीजी विभागों में पैट इंटरव्यू की प्रक्रिया खत्म हो गई है। विभागों से रिजल्ट को लेकर रिपोर्ट भी टीएमबीयू को भेजी जाने लगी है। रिसर्च मैथडोलॉजी में नामांकन की प्रक्रिया हो गई है। अब पीजीआरसी की बैठक में जो भी निर्णय होगा, उसी अनुरूप आगे की कार्रवाई होगी। इस मामले में छात्रों का कहना है कि यदि निर्णय उनके पक्ष में नहीं होता है तो वे लोग विश्वविद्यालय में आंदोलन करेंगे। इस मामले में छात्र राजद के नेता दिलीप यादव ने कहा है कि विश्वविद्यालय छात्रों के हित के बारे में नहीं सोच रहा है। इसमें कई छात्रों का भविष्य अधर में है।

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