TMBU : रूसा का फंड नहीं खर्च हुआ तो लौट जाएगी नौ करोड़ की राशि
रूसा ने जनवरी में तिमांविवि को करीब नौ करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए जारी किए गए हैं। लेकिन अब तक राशि खर्च करने की योजना नहीं बनी है। इसके पीछे तिमांविवि में नियमिति कुलपति का नहीं होना बताया जा रहा है। अब तिमांविवि को स्थायी कुलपति मिल गया है।
भागलपुर, जेएनएन। राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) द्वारा तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय को करीब नौ करोड़ रुपये विकास कार्यों के लिए जारी किए गए हैं। ये रुपये जनवरी में टीएमबीयू को जारी हुए हैं, लेकिन अब तक राशि खर्च करने की फाइल एक टेबल से दूसरे टेबल पर दौड़ रही है। कुलसचिव कर्नल अरुण कुमार सिंह ने बताया कि प्रभारी कुलपति विकास कार्यों को लेकर होने वाले नए टेंडर की अनुमति नहीं दे सकते हैं। इस कारण अब तक कार्य शुरू नहीं हो सका है। कार्य कराने की अनुमति के लिए प्रस्ताव राजभवन भेजा गया है।
बी ग्रेड मिलने के कारण मिलेंगे 20 करोड़
2016 में तत्कालीन कुलपति प्रो. रमाशंकर दुबे ने टीएमबीयू का राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से मूल्यांकन कराया था। तब नैक ने टीएमबीयू को बी ग्रेड दिया था। इस ग्रेड के कारण टीएमबीयू की लाइब्रेरी, पीजी विभागों, खेल, प्रशासनिक भवन के संसाधनों को समृद्ध करने के लिए 20 करोड़ रुपये मिलने हैं। मूल्यांकन होने के बाद विश्वविद्यालय से कार्यों का प्रस्ताव रूसा को भेजा गया। जिसके बाद फंड जारी किया गया, यदि यह राशि खर्च कर टीएमबीयू दिसंबर तक उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं भेजता है तो फंड वापस हो जाएगा।
अटकेगी अगली किश्त
रूसा के जानकारों के मुताबिक उपयोगिता प्रमाण पत्र यदि समय से नहीं गया और फंड लौट गया तो टीएमबीयू को जारी रुपये का ब्याज समेत रुपये लौटाना होगा। वहीं अगली किश्त भी रूसा द्वारा रोकी जा सकती है। जिसका सीधा प्रभाव टीएमबीयू के विकास कार्यों पर पड़ेगा। दरअसल साल भर से विश्वविद्यालय की व्यवस्था प्रभारी कुलपतियों के भरोसे चल रही थी। इसके लिए किसी भी प्रभारी कुलपति ने राजभवन पत्र लिख रुपये को खर्च करने को लेकर मजबूत पहल नहीं की। इस कारण यह स्थिति है। अब नई कुलपति के आने के बाद ही यह मुद्दा गति पकडऩे की उम्मीद है। विवि सूत्रों के अनुसार इसकी शीघ्र योजना बना ली जाएगी।