एकेडमिक और शोध कार्यों में बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले फैकेल्टी मेंबर्स को किया जाएगा सम्मानित

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में मंगलवार को चार विभागों के विभागाध्यक्ष के साथ कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने वर्चुअल बैठक की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 08:26 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 08:26 AM (IST)
एकेडमिक और शोध कार्यों में बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले फैकेल्टी मेंबर्स को किया जाएगा सम्मानित
एकेडमिक और शोध कार्यों में बेहतर परफॉर्मेंस देने वाले फैकेल्टी मेंबर्स को किया जाएगा सम्मानित

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में मंगलवार को चार विभागों के विभागाध्यक्ष के साथ कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने वर्चुअल बैठक की। जिसमें ग्रामीण अर्थशास्त्र एवं सहकारिता प्रबंध विभाग, आईआरपीएम, इतिहास विभाग और प्राचीन भारतीय इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष समेत अन्य शिक्षक उपस्थित थे। बैठक का संचालन कुलसचिव डॉ. निरंजन प्रसाद यादव कर रहे थे।

बैठक की शुरुआत ग्रामीण अर्थशास्त्र विभाग से हुई। कुलपति ने विभाग में कार्यरत सभी शिक्षकों से एकेडमिक और रिसर्च प्रोफाइल के बारे में जानकारी ली। फिर वहां की स्थिति के बारे में पूछा। हेड डॉ. राघवेंद्र सिंह ने विभाग में कोऑपरेटिव मैनेजमेंट ट्रेनिग सेंटर बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर सहकारिता प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा सकेगा। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के ग्रामीण अर्थशास्त्र विभाग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी। ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं पर रिसर्च कार्यों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने एक गांव को गोद लेने का निर्देश दिया है। शोध को गति देने पर बल

आईआरपीएम की विभागाध्यक्ष डॉ. भावना झा ने भी अपने एकेडमिक कैरियर के बारे में कुलपति से बताया। कुलपति ने सभी विभागाध्यक्ष को कहा है कि वे ज्यादा से ज्यादा वेबीनार, सेमिनार, कॉन्फ्रेंस, वर्कशॉप, रिसर्च गतिविधियों में हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि जो फैकल्टी मेंबर एकेडमिक और शोध कार्यों में बेहतर परफॉर्मेंस करेंगे। उन्हें विश्वविद्यालय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने मास्टर प्लान बना कर काम करने को कहा है। संसाधन की कमी से कुलपति को कराया अवगत

उन्होंने इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. हरे कृष्ण मिश्रा और शिक्षकों से भी बात की। हेड ने बताया कि इतिहास विभाग में संसाधन की भारी कमी है। क्लासरूम, लाइब्रेरी, पेयजल, जर्जर छत के कारण हालत बुरी है। कुलपति ने कुलसचिव को इस मामले को देखकर तत्काल इसे दुरुस्त कराने की दिशा में कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है। यह जानकारी पीआरओ डॉ. दीपक कुमार दिनकर ने दी है।

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