सीनेट के लिए दो मेधावी छात्र नहीं ढूंढ पा रहा टीएमबीयू, वर्षों से रिक्त पड़ी है यह सीट

विश्वविद्यालय का सर्वोच्च सदन (सीनेट) होता है। अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े लोग इसके सदस्‍य होते हैं। बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट 1976 के सेक्शन 18 के सब सेक्शन 22 और 23 में है जिक्र। वर्षों से रिक्त पड़ी है मेधावी छात्रों की सीट।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 09:35 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 09:35 AM (IST)
सीनेट के लिए दो मेधावी छात्र नहीं ढूंढ पा रहा टीएमबीयू, वर्षों से रिक्त पड़ी है यह सीट
टीएमबीयू में वर्षों से रिक्त पड़ी है यह सीट।

भागलपुर [बलराम मिश्र]। किसी भी विश्वविद्यालय का सर्वोच्च सदन (सीनेट) होता है। इसमें अलग-अलग क्षेत्र के प्रतिनिधियों को भी सीनेट सदस्य के तौर पर नामित किया जाता है। जो सीनेट की बैठक में शामिल होते हैं। इसमें शैक्षणिक, मेधा और खेल समेत अन्य गतिविधियों में मेधवी छात्रों को भी सदस्य के रूप में कुलपति चुनती हैं। किंतु आज तक तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) को शिक्षा और खेल की विधाओं में निपुण दो छात्र नहीं मिल पाए। जिन्हें कुलपति द्वारा सीनेट सदस्य मनोनीत किया जा सके। कई वर्षों से यह सीट रिक्त है।

हर वर्ष निकलते हैं टापर

बिहार स्टेट यूनिवर्सिटी एक्ट 1976 के सेक्शन 18 के सब सेक्शन 22 और 23 में इस बात का जिक्र किया गया है। दोनों तरह के छात्रों का मनोनयन कुलपति द्वारा किया जाना है। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होता है। अब तक कई कुलपति बदल चुके। बावजूद सीनेट में ऐसे छात्रों को जगह नहीं मिली है। जबकि हर वर्ष शिक्षा और खेल के क्षेत्र में छात्र उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। शैक्षणिक सत्र में बेहतर करने वालों को दीक्षा समारोह के दौरान सम्मानित किया जाता है। हालांकि खेल की गतिविधियां कम होने के कारण इसके छात्रों का नाम मिलना मुश्किल होता है।

छात्रों की समस्या रखने के लिए सिर्फ एक प्रतिनिधि

टीएमबीयू में सीनेट की बैठक में छात्र प्रतिनिधि के रूप में छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद उनका मनोनयन होता है। किंतु हर सत्र में छात्र संघ चुनाव नहीं होने के कारण इसके भी प्रतिनिधि समय-समय के बाद होते हैं। इस कारण सीनेट में छात्रों की समस्या को उठाने के लिए कोई प्रतिनिधि नहीं होता। इस वजह से सीनेट की बैठक में अक्सर अन्य समस्याओं पर तो चर्चा होकर बजट पास हो जाता, किंतु छात्रों की समस्याओं पर ना के बराबर चर्चा होती है।

सीनेट में लंबे समय से एकेडमिक और स्पोर्टस के यूनिवर्सिटी टापर की सीट रिक्त है। इसे भरने को लेकर कुलपति को संबंधित विभाग से प्रस्ताव दिया जाएगा। ताकि छात्र प्रतिनिधि के रूप में दोनों अपनी बात बैठक में रख सकें। - डा. निरंजन प्रसाद यादव, टीएमबीयू

सीनेट में विश्वविद्यालय के शिक्षा और स्पोर्टस टापर को अनिवार्य रूप से जगह मिलनी चाहिए। ताकि वे छात्र हित में अपनी बातों को रख सकें। - जयप्रीत मिश्रा, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष

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