TMBU: सेमेस्टर चार की परीक्षा दे चुके विद्यार्थी को खाली करना होगा हास्टल
TMBU नए सत्र 2020-22 के विद्यार्थियों को हास्टल में देना है कमरा। आज सभी वार्डेन और अधीक्षकों की बुलाई गई है बैठक। हास्टल खाली करने के बाद ही विद्यार्थियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसकी तैयारी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। टीएमबीयू के डीएसडब्ल्यू कार्यालय ने पीजी सेमेस्टर चार सत्र : 2017-19 की परीक्षा दे चुके विद्यार्थियों को हास्टल खाली करने का निर्देश जारी किया है। डीएसडब्ल्यू डा. राम प्रवेश ङ्क्षसह के निर्देश पर सभी महिला और पुरुष छात्रावास को इसकी सूचना भेज दी गई है। निर्देश में कहा गया है कि सेमेस्टर चार की परीक्षा दे चुके विद्यार्थी हास्टल खाली करें, ताकि पीजी के नए सत्र : 2020-22 के विद्यार्थियों को हास्टल में जगह दी जा सके। हास्टल खाली करने के बाद विद्यार्थियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी प्राप्त करना होगा।
इस सूचना के बाद से हास्टलों में रह रहे सेमेस्टर चार के विद्यार्थियों में हड़कंप की स्थिति है। काफी संख्या में महिला और पुरुष छात्रावास के विद्यार्थी सेमेस्टर चार की परीक्षा देने के बाद पैट की परीक्षा में शामिल हुए। वे लोग परीक्षाफल के इंतजार में हैं। उनमें से कुछ विद्यार्थियों का कहना है कि पैट और सेमेस्टर चार का परीक्षाफल निकलने तक उन्हें हास्टल में रहने देना चाहिए। जबकि विश्वविद्यालय का कहना है कि नए सत्र के विद्यार्थी हास्टल के लिए लगातार दौड़ लगा रहे हैं। इधर, हास्टल के मुद्दे पर गुरुवार को टीएमबीयू में डीएसडब्ल्यू की अध्यक्षता में सभी वार्डेन और अधीक्षकों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें हास्टल में होने वाले कार्यों की समीक्षा और नई व्यवस्था पर निर्णय लिए जाएंगे।
टीएनबी कालेज के प्रयोग प्रदर्शक मामले में शिक्षा विभाग ने मांगी रिपोर्ट
उच्च शिक्षा विभाग ने टीएनबी कालेज के प्रयोग प्रदर्शक कुमार आशुतोष राजेश के मामले में टीएमबीयू से रिपोर्ट मांगी है। राजेश की अपील पर विभाग की निदेशक रेखा कुमारी ने टीएमबीयू के कुलसचिव को पत्र लिख जांच रिपोर्ट देने को कहा है। बता दें कि राजेश को भी कालेज में 14 कर्मियों के साथ काम और वेतन से रोक दिया गया है। इस पर उन्होंने आपत्ति करते हुए अपील की है। कुमार आशुतोष का कहना है कि उन्हें विवि द्वारा तब हटाया गया जब इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही थी। उनका मामला 14 कर्मियों से अलग था। सुनवाई के बीच हटाए जाने की शिकायत राजभवन और सरकार से भी की थी।