TMBU: स्थानांतरण के विरोध में अतिथि शिक्षक गोलबंद, चरणबद्ध आंदोलन का ऐलान
टीएमबीयू प्रशासन के खिलाफ अतिथि शिक्षकों ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है। टीएमबीयू अतिथि शिक्षक संघ ने आपात बैठक बुलाई की। बैठक में तिमांविवि प्रशासन पर कई सारे गंभीर आरोप लगाए। आंदोलन करने की रणनीति बनाई गई।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) प्रशासन द्वारा अतिथि शिक्षकों के किए गए स्थानांतरण का विरोध अब चरम पर पहुंच गया है। टीएमबीयू अतिथि शिक्षक संघ द्वारा रविवार को आपात बैठक बुलाई गई, जिसकी अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष डा. आनंद आजाद ने की। पहले सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पास किया गया। फिर निर्णय लिया गया कि अगस्त के पहले सप्ताह से स्थानांतरण रद करने की मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया जाएगा।
संघ के अध्यक्ष ने कहा कि स्थानांतरण में अपनों को लाभ पहुंचाया गया। अधिकारी अतिथि शिक्षकों को बंधुआ मजदूर समझने लगे हैं। डा. संतोष तिवारी ने कहा कि किसी विषय में शिक्षक के रूप में एक मात्र अतिथि शिक्षकों का भी तबादला कर दिया गया। विश्वविद्यालय अधिकारियों के करीबी लोगों को शहर के प्रमुख कालेजों में लाकर बिठा दिया गया है। डा. आनंद कुमार ने कहा कि स्थानांतरण में मेधा, परफार्मेंश का भी ध्यान नहीं रखा गया।
डा. श्वेता ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोरोना काल में मुख्यालय में कार्यरत महिला अतिथि शिक्षिकाओं को मुख्यालय से बाहर भेज दिया। बैठक में डा. सत्यम शरणम, डा. आनंद कुमार, डा. पवन कुमार, डा. अभिषेक आंनद, डा. अमर चौधरी, डा. रमानंद, डा. अनुज रानी, डा. रेणु कुमारी, डा. श्वेता, डा. मोहिनी ण, डा. फरहत जहां, डा. करिश्मा कुमारी, डा. रूपा डे, डा. शाहबुद्दीन, डा. हिमांशु कुमार, डा. प्रवीण कुमार, डा. गौरव कुमार, डा. संजय कुमार रजक, डा. दिनेश गुप्ता समेत अन्य मौजूद थे।
टीएमबीयू और मुंगेर विवि के सेवानिवृत शिक्षक करेंगे आंदोलन
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) और मुंगेर विश्वविद्यालय के शिक्षक संघों की आपात बैठक संयुक्त रूप से आनलाइन माध्यम से रविवार को हुई। निर्णय लिया गया कि दोनों विश्वविद्यालय के सेवानिवृत शिक्षक बकाया पेंशन समेत अन्य लाभों के लिए संयुक्त आंदोलन शुरू करेंगे। बैठक में विश्वविद्यालय अधिकारियों की कार्यशैली पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई गई। तय हुआ कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, आंदोलन तेज करेंगे।
बैठक की अध्यक्षता भूटा के अध्यक्ष डा. मिहिर मोहन मिश्र सुमन ने किया। संचालन महासचिव डा. पवन कुमार सिंह द्वारा किया गया। बैठक में मुगुटा के महासचिव डा. हरिश्चंद्र शाही और भुस्टा के महासचिव डा. जगधर मंडल ने अपने-अपने संघों का प्रतिनिधित्व किया। सेवानिवृत शिक्षकों की तरफ से पूर्व महासचिव डा. कमेश्वर बागवे, डा. वीरेंद्र कुमार सिंह और डा. सदानंद झा ने हिस्सा लिया।
बैठक में निर्णय हुआ है कि विश्वविद्यालय के खिलाफ आंदोलन के लिए तीनों संघों की एक संयुक्त कार्रवाई समिति गठित होगी। इसमें तीनों संगठनों के महासचिव को शामिल किया जाएगा। अगले हफ्ते इसके लिए एक आफलाइन बैठक होगी। साथ ही कहा गया है कि वे लोग कार्यरत और सेवानिवृत शिक्षकों की समस्या को लेकर राज्य सरकार स्तर पर भी पहल करेंगे। राज्य महासंघ फुटाब को भी सक्रिय किया जाएगा।
इसके अलावा तीनों संघों के प्रतिनिधि इस मसले पर शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा निदेशक से भी मिलेंगे। साथ ही विश्वविद्यालय के लंबित मामलों में राजभवन जाकर कुलाधिपति से मुलाकात कर भी हस्तक्षेप कर मांग पूरी करने की गुहार लगाएंगे। ताकि कार्यरत और सेवानिवृत शिक्षकों को किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़े।