TMBU: मेधा सूची से आनस्पाट के तहत स्नातक में होगा नामांकन, यह है प्रक्रिया
टीएमबीयू में स्नातक (सत्र 2021-24) में आनस्पाट नामांकन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आनस्पाट के तहत जो नामांकन के लिए आवेदन कालेजों में जमा होंगे। विभिन्न कालेजों में नामांकन के लिए आवेदन देने वाले विद्यार्थी पहुंचे थे।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में स्नातक (सत्र : 2021-24) में आनस्पाट नामांकन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बार आनस्पाट के तहत जो नामांकन के लिए आवेदन कालेजों में जमा होंगे, उन आवेदनों की मेधा सूची भी तैयार होगी। इसके अनुसार ही विद्यार्थी नामांकन ले सकेंगे। विद्यार्थियों में इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति थी कि आनस्पाट में पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर नामांकन होना है।
बुधवार को विभिन्न कालेजों में आनस्पाट के तहत नामांकन के लिए आवेदन देने वाले विद्यार्थी पहुंचे थे। हालांकि दिन भर बारिश के कारण विद्यार्थियों की संख्या कम थी, बावजूद कालेजों ने अतिरिक्त व्यवस्था आवेदन के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की थी। मारवाड़ी कालेज प्राचार्य डा. केसी झा ने कहा कि विद्यार्थियों के आवेदन स्वीकार किए जा रहे हैं। टीएनबी कालेज के प्राचार्य डा. संजय कुमार चौधरी ने विद्यार्थियों के लिए अलग-अलग काउंटर पर आवेदन लेने की व्यवस्था की थी। 25 अक्टूबर तक आवेदन लेने का निर्देश विवि से दिया गया है।
हालांकि इस संबंध में टीएमबीयू के डीएसडब्ल्यू डा. राम प्रवेश सिंह ने गुरुवार को नामांकन समिति की बैठक बुलाई है। जिसमें वर्तमान में चल रहे नामांकन प्रक्रिया की समीक्षा होगी, इसके साथ तिथियों को लेकर दोबारा निर्देश जारी किया जाएगा। बैठक में कई और अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।
हेड के साथ मारपीट के आरोपित ने प्राक्टर से की शिकायत
टीएमबीयू के पीजी प्राचीन इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डा. बिहारी लाल चौधरी के साथ मारपीट का आरोपित शोध छात्र बुधवार को विवि पहुंचा। वह अपने अभिभावकों को लेकर प्राक्टर डा. रतन मंडल से मिला। उसने हेड के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाते हुए कुलपति कार्यालय से लिखित शिकायत की है। इस पर प्राक्टर ने सवाल भी उठाया कि घटना के इतने दिनों बाद वह शिकायत लेकर क्यों आया। जब उसकी शिकायत थी तो पहले विवि आना चाहिए था। हालांकि प्राक्टर ने कहा कि मामले को देख रहे हैं। इस मामले में हेड से जानकारी ली जाएगी।
वहीं, इस मामले में हेड डा. बिहार लाल चौधरी ने कहा कि चार अक्टूबर को हुई घटना के बाद उन्होंने पुलिस को विवि को लिखित शिकायत की है। उन्होंने कहा कि उन पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं, वे बेबुनियाद हैं। घटना में आरोप से बचने के लिए इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।